खाद्य सुरक्षा के नाम पर गरीबों से भद्दा मजाक..5 किलों गेहूं में निकली ‘एक किलो खरपतवार’!

उचित मूल्य की दुकानों पर मिल रहा मिलावटी अनाज, राशन डीलर ने खेद स्वीकारी मिलावट; एफसीआई के सिर फोड़ा ठीकरा, कहा-आगे से ऐसा ही आ रहा है गेहूं

जोबनेर के मुरलीपुरा गांव में सामने आया मामला, अन्य जगहों से भी गेहंू की गुणवत्ता में कमी की शिकायतें, घटिया अनाज मिलने से लाभार्थियों में आक्रोश


जोबनेर। यूं तो खाद्य सुरक्षा के नाम पर सरकार की ओर से जरूरतमंद लाभार्थियों को प्रति माह पांच किलो गेहूं देने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत यह है कि इस पांच किलों गेहूं की गुणवत्ता ऐसी हो गई है कि इसमें से एक किलो तो खरपतवार ही निकल रही है। स्थिति यह है कि खरपतवार और उसके बीज अलग करने में ही लाभार्थियों के पसीने छूट रहे है और घटिया क्वालिटी का गेहंू मिलने से उनमें आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। यह पूरा मामला है जोबनेर क्षेत्र के मुरलीपुरा गांव में उचित मूल्य की दुकान का। यहां उचित मूल्य की दुकान पर गरीबों को अनाज के नाम पर मिलावटी गेहूं देकर भद्दा मजाक किया जा रहा है। यहां मिल रहे राशन के कट्टों में गेहूं कम और खरपतवार के बीज ज्यादा नजर आ रहे है। हैरत की बात यह है कि राशन डीलर भी इस मिलावट को स्वीकार कर रहे है और खुद उनका कहना है कि 50 किलोग्राम गेहूं के कट्टों में 7 से 8 किलोग्राम खरपतवार आ रही है। हालांकि राशन डीलर ने इस मिलावटी गेहूं का ठीकरा सीधे तौर पर एफसीआई के माथे फोड़ा है और उनका कहना है कि आगे से ऐसा ही गेहूं आ रहा है और जैसा अनाज आएगा वैस ही लाभार्थियों को सप्लाई किया जाएगा। वहीं इस तरह के मिलावटी गेहूं मिलने से क्षेत्र के लाभार्थियों में जबर्दस्त आक्रोश है और उनका कहना है कि इन दिनों मिल रहे गेहंू में खरपतवार के बीजों की मात्रा काफी अधिक है। हालत यह है कि पांच किलो गेहूं में एक किलो तक खरपतवार के बीज आ रहे है। 

ग्राम मुरलीपुरा में 500 से अधिक लाभार्थियों के साथ हुआ धोखा, अन्य कई जगहों से भी आ रही शिकायतें
जानकारी के अनुसार इस घटिया गेहंू की सप्लाई की वजह से जोबनेर के ग्राम मुरलीपुरा के 500 से अधिक लाभार्थी परेशान हो रहे है। जानकारी के अनुसार सिर्फ एक राशन की दुकान से ही इन उपभोक्ताओं को करीब 2500 किलो गेहूं हर माह वितरित किया जा जाता है और अनुमान के अनुसार इस गेहंू में से काफी बड़ी मात्रा में खरपतवार और उसके बीज निकल रहे है। राशन डीलर खुद हर 50 किलो के कट्टे में 7 से 8 किलो खपतवार निकलना स्वीकार कर रहे है। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब खाद्य सुरक्षा योजना में घटिया क्वालिटी के गेहूं की सप्लाई हो रही हो, बल्कि इससे पहले भी कई राशन दुकानों पर सड़े हुए गेंहू मिलने की शिकायतें आ चुकी है। 

सरकार योजना के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को उपलब्ध करवा रही है अनाज
जानकारी के अनुसार सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है। इस योजना पर कुल 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रेह है और इसका उद्देश्य लोगों को भोजन और पोषण संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत 5 लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानों के नेटवर्क के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में निशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। वन नेशन वन राशन कार्ड पहल के तहत लाभार्थियों को देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से निशुल्क खाद्यान्न उठाने की अनुमति है। लेकिन, राशन दुकानों पर इस प्रकार के घटिया अनाज मिलने से इस योजना पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है।