विलुप्त होती मैंण की छपाई पर पांच दिवसीय कार्यशाला संपन्न

चौमूं। शहर के मोरीजा रोड स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय के आईक्यूएसी, नवाचार प्रकोष्ठ एवं गृह विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एके इंटरनेशनल, सांगानेर, जयपुर के सहयोग से हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग की विलुप्त होती मैंण छपाई तकनीक को पुनर्जीवित करने के प्रयास स्वरूप पांच दिवसीय हैंड्स ऑन वर्कशॉप आयोजित की गई। इस कार्यशाला में गृह विज्ञान विभाग की छात्राओं को हाथ की ठप्पा छपाई एवं विलुप्त होती मैंण की छपाई के विभिन्न डिजाइनों एवं तकनीक की जानकारी दी गई। इस कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक अवधेश कुमार पांडे ने छात्राओं को हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग की विभिन्न तकनीक तथा विलुप्त होती में की छपाई की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया एवं प्रदर्शन किया। छात्राओं ने इस तकनीक का प्रयोग करते हुए फड़द वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया को सीखा एवं इसके नमूने तैयार किये। कार्यशाला के समापन समारोह में अवधेश पांडे ने मैंण छपाई की विशेषता बताते हुए स्वरोजगार के माध्यम से छात्राओं को इस कला को जीवित रखने एवं छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। समारोह में महाविद्यालय की वरिष्ठतम संकाय सदस्य प्रो. कविता गौतम, प्रो. उषा परनामी, प्रो. मीनाक्षी जैन ने अवधेश पांडे को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया एवं प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। कार्यक्रम में प्रो. हंसा लुनायच, प्रो. माधुरी गोस्वामी, डॉ. रीना शक्तावत सहित अनेक संकाय सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दी एवं गृह विज्ञान विभाग की छात्राओं द्वारा तैयार उत्पादों की प्रशंसा की।