प्रोपर्टी का कारोबार या अब सिर्फ ‘ठगी का बाजार’..संजोया आशियाने का सपना; हुआ धोखे का शिकार!

एक और मासूम फंसा भूमाफिया के चंगुल में, प्लॉट बेचने के नाम पर हड़प लिए लाखों; अब ना तो रुपए लौटा रहे और ना ही भूमि की कोई खोज खबर, जिम्मेदारों ने भी इंसाफ दिलवाने से मुंह मोड़ा

रिद्धी-सिद्धी नगर, कालवाड रोड में प्लाट बेचने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, अब इंसाफ के लिए परिवादी खा रहा दर-दर की ठोकरें; मिल रही जान से मारने की धमकी 

जयपुर। राजधानी में प्रोपर्टी खरीदने और बेचने के नाम पर मासूमों को ठगे जाना अब आम सी बात हो गई है। ऐसे भूमाफिया ना सिर्फ मासूमों के आशियाने के सपनों को तोड़ रहे है बल्कि लाखों रुपए की चपत लगाने के बाद बेशर्मी की भी हदें पार कर रहे है। उस पर चौंकाने वाला तथ्य यह कि इंसाफ दिलवाने के जिम्मेदार खाकी वर्दीवाले और प्रशासनिक अधिकारी भी पीडि़तों को न्याय दिलवाने से मुंह मोड़ रहे है। ऐसा ही एक और वाकया सामने आया है राजधानी के रिद्धी-सिद्धी नगर, कालवाड रोड में जहां पीडि़त को आशियाने का सपना उिदखाकर लाखों रुपए हड़प लिए गए और अब प्लाट की रजिस्ट्री तो दूर बल्कि पीडि़त को पहचानने से भी इंकार किया जा रहा है। इस बाबत पीडि़त ने परिवाद दर्ज करवाकर इंसाफ की गुहार लगाई है। परिवादी श्योजी राम पुत्र बिरदीचंद जाट (28) निवासी सुशान्त सिटी-2, मांचवा ने अजय कुमार घोसल्या पुत्र तेजा राग, निवासी सांचोती, सरना चोड़, कालवाड़ पर आरोप लगाया है कि आरोपी अजय कुमार प्रोपर्टी खरीदने-बेचने का कार्य करता है तथा रेंट की गाडिय़ों का काम करता है। आरोपी का परिवादी के घर पर आना जाना था, जिस कारण परिवादी का आरोपी से अच्छा व्यवहार हो गया और परिवादी के विश्वास का फायदा उठाते हुये आरोपी ने एक आवासीय भूखण्ड रिद्धी-सिद्धी नगर-10, कालवाड रोड, जयपुर में बेचने की इच्छा जाहिर की। परिवादी आरोपी की बातों में आ गया और रिद्धी-सिद्वी नगर-10, कालवाड रोड स्थित उक्त प्लाट जिसके भूखण्ड की नाप 20 गुणा 50 फीट है तथा भूखण्ड 111.11 वर्गगज है को खरीदने की सहमति जताई। हालांकि परिवादी ने उक्त भूखण्ड के समस्त दस्तावेजात दिखाने के लिए कहा तो अभियुक्त ने परिवादी को गुमराह व टालमटोल करत हुए भूखण्ड के दस्तावेजात नहीं दिखाये। परिवादी के द्वारा भूखण्ड खरीदने के लिए तैयार हो जाने पर आरोपी द्वारा 3 अप्रेल 2024 को उक्त भूखण्ड को क्रय किये जाने का सौदा कुल राशि ग्यारह लाख बहत्तर हजार रूपये में सौदा तय कर लिया। जिसके पेटे परिवादी के द्वारा अभियुक्त को तत्समय ही अग्रिम राशि 8,60,000 रूपये अदा कर दिये गये तथा उक्त राशि के पेटे एक रसीद हासिल की। इस रसीद में गवाह के तौर पर रामबाबू पुत्र गुल्ला राम, निवासी- गुलाब वाटिका, मांचवा तथा रामसिंह चौधरी पुत्र दामोदर चौधरी, निवासी 25, रोलाणियां की डाणी, पिण्डोलाई, मांचवा, जयपुर के हस्ताक्षर मौजूद है। इसके पश्चात उक्त भूखण्ड की बकाया विक्रय प्रतिफल की राशि 3,12,000 रूपये 1 माह में दिया जाना तय किया गया। इसके पश्चात आरोपी के द्वारा एक विक्रय इकरारनामा दिनांक 3 मई 2024 को निष्पादित किया गया, जिसमें परिवादी के द्वारा अभियुक्त को बकाया प्रतिफल की राशि 3,12,000 रूपये अदा कर दिये गये। जिसमें भी बतौर गवाहा रामबाबू तथा रामसिंह चौधरी के हस्ताक्षर मौजूद थे। 

पट्टा ट्रांसफर के लिए भटकता रहा पीडि़त, आरोपी करता रहा टालमटोल
उक्त भूखण्ड के बाबत सम्पूर्ण विक्रय प्रतिफल की राशि अदा कर दिये जाने के पश्चात परिवादी के द्वारा उक्त भूखण्ड का पट्टा परिवादी के नाम से ट्रांसफर करवाने के लिए अभियुक्त से बार-बार तकाजा किया जाता रहा। लेकिन, आरोपी के द्वारा हर बार टालमटोल की जाती रही और आश्वासन दिया जाता रहा कि अभी कुछ समय लगेगा। चूंकि आरोपी से परिवादी का अच्छा व्यवहार था, इसलिये परिवादी ने अभियुक्त की बातों पर विश्वास कर लिया। लेकिन काफी समय निकल जाने पर भी आरोपी ने परिवादी को उक्त भूखण्ड का पट्टा परिवादी के नाम से ट्रांसफर नहीं करवाया। परिवादी लगातार आरोपी  से व्यक्तिगत व फोन से सम्पर्क करता रहा लेकिन आरोपी टालमटोल करता रहता और भूखण्ड का पट्टा ट्रांसफर नहीं किया गया। 

आदतन अपराधी है आरोपी भूमाफिया, पहले से दर्ज है कई प्रकरण
काफी समय बाद 25 नवंबर 2024 को परिवादी आारेपी से मिला तो भी महज 1-2 दिन का आश्वासन मिला। अब परिवादी की अभियुक्त की बातों पर संदेह होने लगा तो परिवादी ने सोसायटी के कार्यालय में जाकर पता किया तो पता चला कि उक्त भूखण्ड अभियुक्त के नाम से सोसायटी के रिकॉर्ड में नहीं है। साथ ही जानकारी हुई कि अभियुक्त एक आपराधिक व फ्रॉड व्यक्ति है। वह आए दिन ऐसे ही भोले-भाले व्यक्तियों को जाल में फंसाकर रूपये ऐंठता रहता है तथा कूटरचित दस्तावेजात का निर्माण कर लोगों को भूखण्ड का बेचान करता है तथा उनसे राशि हड़प कर जाता है। जिसके संबंध में अभियुक्त के विरूद्ध विभिन्न पुलिस थानों में कई प्रकरण दर्ज है।