जयपुर@ जयपुर स्थित मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) ने आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ाते हुए सेना के वाहनों के लिए बुलेट प्रूफ शीट तैयार की हैं। इन शीट्स को लगाने के बाद कोई भी गोली, छर्रे या कोई मेटल्स वाहन के आर-पार नहीं जा सकेंगे।एमएनआईटी का दावा है कि जवानों के साथ-साथ ये वाहनों की भी रक्षा करेगा। ट्रायल्स में भी हैवी मेटल्स इस शीट से टकराकर नीचे गिर गए। टीम का कहना है कि यह वाहनों के नीचे भी इसकी लेयर लगेगी। तेज धमाके से निकले छर्रे, गोली या दूसरे मैटल्स भी शीट को छेद नहीं सकेंगे। फ्लैक्सिबल होने से इसे किसी भी शेप में मोड़ सकते हैं।
सामान्य बुलेट प्रूफ शीट से वजन और कीमत दोनों 40% तक कम होंगे
एमएनआईटी के मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अमर पटनायक और उनकी टीम इस पर पिछले 2 साल से रिसर्च कर रही थी। प्रो. अमर पटनायक ने बताया कि डिफेंस के लिए यह पॉलीमर और सेरामिक का मिक्स प्रोडक्ट है। आमतौर पर मिलने वाली बुलेट प्रूफ शीट्स से इसका वजन और कीमत करीब 40% तक कम होगी।इसके लिए शीट्स को फाइबर रेन्फोर्सड फाइबर कम्पोजिट और सेरामिक से तैयार किया है। इसकी फ्लैक्सिबलिटी ऑफ मैन्युफैक्चरिंग के कारण इस मैटेरियल से कई प्रकार के बुलेट प्रूफ प्रोडक्ट्स बन सकते हैं। इस पर खोज के लिए एमएनआईटी को केंद्र के विभिन्न विभागों से करीब 90 लाख की ग्रांट मिली थी। बुलेट प्रूफ मेटेरियल बनाने के साथ हमारी लैब में एंटी रस्ट व इरोजन कोटिंग तैयार की गई है। जंग लगने से पावर प्लांट्स में हाइड्रोटरबाइन ब्लेड के मेंटेनेंस का खर्चा बढ़ता है। नए ब्लेड बदलना महंगा पड़ता है। इस मेटेरियल की कोटिंग से टरबाइन में जंग व इरोजन कम होगा।