किरकिरी के बाद ‘एक्शन में भजनलाल सरकार’..अब धारीवाल क्लीन चिट मामले में लिया ‘यू टर्न’!


सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार बदलेगी अपना स्टैंड, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को क्लीन चीट के मामले में ली गई कानूनी विशेषज्ञों से राय, चार अधिकारियों की बनाई गई कमेटी 


सुप्रीम कोर्ट में दायर होने जा रहा प्रार्थना पत्र, पूर्व में लिए गए अपने स्टैण्ड से यू टर्न लेकर सरकार करेगी नया जवाब पेश, केस की फाइलें की गई ट्रांसफर; नए एएजी करेंगे पैरवी


जयपुर। प्रदेश के पूर्व मंत्री और वर्तमान में कांग्रेस के विधायक शांति धारीवाल के साथ ही तीन अन्य को लेकर राजस्थान सरकार शीघ्र ही सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर करेगी। इस प्रार्थना पत्र के जरिए सरकार पूर्व में लिए गए अपने स्टैण्ड से यू-टर्न लेकर अपना नया जवाब पेश करेगी। दरअसल, एकल पट्टा प्रकरण में कांग्रेस सरकार के समय नियुक्ति केस के ओआईसी ने शांति धारीवाल को क्लीन चीट दे दी थी। पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को क्लीन चीट मामले में राजस्थान सरकार ने कानूनी विशेषज्ञों से राय ली है। विशेषज्ञों की राय के बाद इस मामले के लिए राज्य के चार अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गयी है। ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता को असिस्ट करेगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश किए जाने के दूसरे ही दिन राजस्थान सरकार ने इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों से लेकर अधिवक्ताओं को भी अलग कर दिया था। साथ ही इस केस की सभी फाइलें भी सुप्रीम कोर्ट में सरकार का काम देख रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा को ट्रांसफर की गई। अब इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा पैरवी करेंगे। हाईप्रोफाइल मामले को देखते हुए राजस्थान सरकार इस केस में सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता की सेवाएं भी ले सकती है।

इंचार्ज अधिकारी ने नई सरकार की जानकारी के बिना ही पेश कर दिया था जवाब

कांग्रेस सरकार के समय नियुक्त इस केस के इंचार्ज एडिशनल एसपी सुरेंद्र सिंह ने 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार की ओर से जवाब पेश किया था। पेश किए गए जवाब में कहा गया था कि एकल पट्टा मामले में नियमों की पूरी पालना हुई थी, जिससे सरकार को किसी भी तरह का कोई वित्तीय नुकसान भी नहीं हुआ। इंचार्ज अधिकारी ने शांति धारीवाल सहित तीन अन्य अधिकारियों को क्लीन चीट दी थी। बड़ी बात ये है कि लोकसभा चुनाव के बीच राजस्थान सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए इस जवाब की जानकारी भी एक सप्ताह बाद सामने आई। मामला सामने आने के बाद बेहद हाईप्रोफाइल मामले में हुई इस लापरवाही ने राज्य सरकार की अंदरूनी कमजोरी को भी उजागर कर दिया।


आप भी जानिए, यह है एकल पट्टा मामले का ए टू जेड किस्सा
दरअसल 29 जून 2011 में जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम पर एकल पट्टा जारी किया था। इसकी शिकायत एसीबी में रामशरण सिंह नाम के व्यक्ति ने की थी। एसीबी में शिकायत के बाद तत्कालीन एसीएस जी एस संधु, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, शैलेंद्र गर्ग और दो अन्य आरोपियों को अरेस्ट किया गया। इनके खिलाफ एसीबी कोर्ट ने चालान पेश किया था। इसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो एकल पट्टा निरस्त कर दिया गया। वहीं इस मामले में एसीबी ने उस वक्त के मंत्री शांति धारीवाल से भी पूछताछ की थी। लेकिन अब भजनलाल सरकार ने इस मामले में सभी को क्लीन चिट दे दी है।


चुनाव के बीच सरकार ने पेश किया जवाब, हो गए सभी हैरान
इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव के बीच पूरे मामले में सरकार ने अपना जबाव पेश किया था। 22 अप्रेल को कोर्ट में राज्य सरकार ने जवाब पेश किया था। सुप्रीम कोर्ट में भजनलाल सरकार ने कहा कि इस मामले के सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। सरकार ने कहा कि एकल पट्टा में कोई मामला नहीं बनता है। हालांकि इसके बाद क्लीन चिट देने वाले एडिशनल एसपी सुरेंद्र सिंह को भजनलाल सरकार ने एपीओ कर दिया है। जेडीए की ओर से जारी एकल पट्टा मामले में तत्कालीन यूडीएच मंत्री धारीवाल पर मिली भगत के आरोप लगे थे।