विधायक भाकर के निलंबन पर भयंकर बवाल..देर रात तक विधानसभा में धरने पर डटा विपक्ष!

कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को स्पीकर देवनानी ने किया बजट सत्र के बची अवधि के लिए निलंबित, जोरदार हंगामे के बीच बुलाने पड़े मार्शल; नेता प्रतिपक्ष जूली ने बताया ‘संवैधानिक संकट’


गहमागहमी सदन के बाहर भी जारी रही, पूरा विपक्ष हुआ एकजुट, भाकर समर्थकों में जबर्दस्त आक्रोश, आज प्रदेशभर में आंदोलन का ऐलान


जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जोरदार हंगामा हुआ। इतना ही नहीं हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायक मुकेश भाकर को सदन से निलंबित कर दिया। इसके बाद हंगामा और भी बढ़ गया। दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार आधे-आधे घंटे के लिए स्थगित की। इसके बाद पीठासीन अधिकारी संदीप शर्मा ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर पूरी रात धरना देने का ऐलान कर दिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह राजस्थान में संवैधानिक संकट है। दरअसल, लोक अभियोजकों की नियुक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता  के बजाय दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के तहत किए जाने को लेकर हुए हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी गई। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भोजनावकाश के बाद लोक अभियोजकों की नियुक्ति का मुद्दा सदन में उठाया और इसको लेकर सरकार से जवाब की मांग की।
बिना किसी का नाम लिए जूली ने आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है। इस पर सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि व्यक्ति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई होगी और मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है।


भाकर के निलंबन को बताया संवैधानिक संकट, विपक्ष का धरने का ऐलान
मुकेश भाकर के निलंबन पर टीकाराम जूली ने कहा, सरकार के सामने संवैधानिक संकट है। सरकार ने पीपी और एपीपी की नियुक्ति पुराने कानून यानी सीआरपीसी के तहत की है, इसलिए वह नियुक्ति शून्य हो जाती है। अब देश में सीआरपीसी की जगह नए अपराधिक कानून लागू हो चुके हैं। हमने आसन से यह मांग की थी कि इस पर सरकार का जवाब आ जाना चाहिए। लेकिन सरकार इस पर कोई जवाब नहीं देना चाहती। सत्ता पक्ष के लोग हमें उकसाते हैं, जिससे गतिरोध उत्पन्न हो जाता है। नियमों के तहत हमें जो अधिकार प्राप्त है, हम उसी के तहत अपनी बात रख रहे हैं। सदस्य मुकेश भाकर को बाहर निकाला गया है जो निंदनीय है। 

विधायक मुकेश क्यों हुए निलंबित, जानिए विधानसभा में हुआ क्या?
दरअसल राजस्थान नवाचारों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल पर अपने पुत्र को जोधपुर में अधिवक्ता लगाने के आरोप पर हंगामा हो गया। सत्तापक्ष ने विरोध किया तो विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की। इस दौरान हंगामा कर रहे कांग्रेस के विधायक मुकेश भाकर की एक्टिविटीज को लेकर स्पीकर नाराज हो गए। स्पीकर ने मुकेश भाकर से कहा कि आप चेयर को उंगली इंगित नहीं कर सकते। विरोध जारी रखने पर स्पीकर में मुकेश भाकर को बजट सत्र की कार्यवाही के लिए सदन से निलंबित कर दिया और मार्शल को भुलाकर सदन से बाहर भेजने के निर्देश दिए।

महिला विधायक ने लगाया छेड़छाड़ और चूड़ी तोडऩे का आरोप
राजस्थान विधानसभा में हंगामे को लेकर महिला विधायक ने छेड़छाड़ और चूड़ी तोडऩे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मार्शल ने उनके साथ धक्कामुक्की की और उनकी चूडिय़ां तोड़ दी। आरोप लगाया गया कि सदन में महिला विधायक भी सुरक्षित नहीं है तो अब कहां सुरक्षित होंगी।