चौमूं। शनिवार को अपने मान सम्मान को लेकर नगरवासियों ने नगर परिषद गेट के सामने पुष्पा-2 फिल्म का बायकाट करने के नारे लगाते विरोध प्रदर्शन किया | साथ ही फिल्म निर्माता-अभिनेता को चेतावनी दी गयी कि सार्वजनिक रूप से चौमूं वासियों से माफ़ी मांगी जाए अन्यथा कानूनी कार्यवाही हेतु तैयार रहें | प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि हाल ही दिसंबर माह में रिलीज हुई पुष्पा-2 द रूल फिल्म में चौमूं शब्द को अशब्द रूप में प्रयोग किया गया है | फिल्म में अभिनेता अल्लू अर्जुन द्वारा चौमूं शब्द का प्रयोग उपहास का विषय बनाकर एक बार ही नहीं बल्कि तीन बार एक मूर्ख व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है, जिससे पूरे चौमूं निवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है | प्रदर्शनकरियों ने सेंसर बोर्ड से मांग की है कि पुष्पा-2 द रूल फिल्म से चौमूं शब्द को हटाया जाए | भविष्य में किसी भी फिल्म, सीरियल, वेब सीरीज, वीडियो एल्बम में चौमूं शब्द को उपहास व अपमानजनक स्थिति में दर्शाने पर पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाए और प्रसारण हेतु स्वीकृती प्रदान नहीं की जाए | इस दौरान गौरक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह कुमावत, अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविंन्द्राचार्य, साईं मंदिर महंत कैप्टन पृथ्वी सिंह नाथावत, एडवोकेट राजेश गोरा, जन सेवक रविकांत शर्मा, विराज फाउंडेशन प्रदेशाध्यक्ष भुवनेश तिवाडी, सर्व समाज जागृति संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश चंद शर्मा, कैलाश चाँदोलिया,कैलाश तिवाड़ी, गोविंद पारीक,सीए हीरालाल सैनी, बीएल सैनी, डॉ. हरीवल्लभ सैनी, पूर्व पार्षद बलदेव टांक, कानाराम चौधरी, सत्य प्रकाश पारीक, लोकेश डेनवाल, बनवारी लाल शर्मा,सुभाष सैनी सहित सभी चौमूंवासी मौजूद रहे | गौरतलब है कि चौमूं जयपुर जिले की एक तहसील और विधानसभा क्षेत्र है, जो ऐतिहासिक रूप से अपनी खास पहचान रखती है | इतिहासकारों के अनुसार चौमूं शहर की स्थापना जयपुर शहर की स्थापना से भी 133 वर्ष पूर्व सन 1595 में राजा करणसिंह द्वारा की गई थी | शहर के परकोटे के चार मुख्य दरवाजे होने की विशेषता के कारण इसका चौमुंहा नाम रखा गया | बाद में यह चौमूं के नाम से प्रसिद्ध हुआ |
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