वक्फ संशोधन बिल बनेगा कानून..अब कोर्ट में होगी असली लड़ाई!
राज्यसभा में संशोधन विधेयक पर जोरदार बहस, सदन से शीर्ष अदालत पहुंची वक्फ की लड़ाई, अब न्यायालय की शरण में विपक्ष, बिल के विरोध में जेडीयू के 2 लीडर्स ने पार्टी छोड़ी
जेपी नड्डा ने गिनाई वक्फ बिल की खूबियां, कहा- हम संविधान से चलते हैं, वो बस किताब ही दिखाते हैं, बीजेडी ने नहीं जारी किया व्हिप; कहा-सांसद अपने विवेक से करें मतदान
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल 2025 लोकसभा में पारित होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में पहुंचा। यहां भी कई घंटों तक चर्चा हुई और पक्ष-विपक्ष में तीखी तकरार हुई। हालांकि राज्यसभा में भी बिल पारित होने का अनुमान है लेकिन अब अब इस विधेयक को कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस बीच राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा- हमारा प्रयास है कि वक्फ के काम पारदर्शिता आए। अपने संबोधन की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा- मुझे उम्मीद है कि सदन इस बिल का समर्थन करेगा। इस बिल का मूल उद्देश्य वक्फ की संपत्ति का रखरखाव करना है। इस बिल पर काफी चर्चा हुई है। मैं इस बिल को लेकर कहना चाहता हूं, इसके खिलाफ जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसका विरोध करता हूं। इस बिल को लेकर 2013 बने जेपीसी में सिर्फ 13 सदस्य थे, अब इस बिल को लेकर बने जेपीसी में 31 सदस्य थे। जेपी नड्डा ने कई मुस्लिम देशों का जिक्र करते हुए कहा, वहां पर वक्फ की संपत्ति का रखरखाव सरकारें करती हैं। लेकिन हम तो बस रखरखाव और नियमों से चलने की बात कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि वक्फ की संपत्ति का दुरुपयोग न हो इस लिए ये बिल लाया गया है। इस दौरान जेपी नड्डा ने 2013 वक्फ बिल की कमियां और 2025 के वक्फ बिल की खूबियां भी गिनाई। जेपी नड्डा ने कहा - विपक्ष के लोग जेब में संविधान की किताब लेकर घूमते हैं, हमेशा दिखाते रहते हैं, लेकिन पढ़ते नहीं, इस्तेमाल नहीं करते हैं। संविधान का इस्तेमाल हम करते हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देगा बिल को अदालत में चुनौती
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने गुरुवार को कहा कि अगर राज्यसभा वक्फ (संशोधन) विधेयक को पारित करती है तो वे इसे अदालत में चुनौती देंगे। मौलाना महली ने कहा, अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो हम इसे अदालत में चुनौती देंगे। हमें विश्वास है कि संवैधानिक तथ्यों के आधार पर हमें इस मामले में न्याय और राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) और चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी से वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध करने की उम्मीद है क्योंकि मुस्लिम समुदाय उनके संबंधित राज्यों में उनका समर्थन करता है। महाली ने कहा, हमें उम्मीद थी कि जेडी(यू) और टीडीपी इस विधेयक का विरोध कर सकते हैं, क्योंकि इन दोनों पार्टियों को अपने-अपने राज्यों में मुस्लिम समुदाय का समर्थन प्राप्त है।
आप सांसद ने लगाया एनडीए के सहयोगियों पर आरोप, तृणमूल ने बताया काला दिन
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मलविंदर सिंह कांग ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर विधेयक को पारित कराने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगी दलों को मैनेज करने का आरोप लगाया। कंग ने कहा, मुझे लगता है कि कुछ लोगों ने अपने निजी हितों के लिए समझौता किया है क्योंकि देश के अधिकांश लोग इस विधेयक से सहमत नहीं थे। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार चीजों को प्रबंधित करने में सफल रही है, क्योंकि भाजपा के पास अपने दम पर बहुमत नहीं है। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को अनुचित करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में एक बहुत ही काला दिन है। लोकसभा ने मैराथन और गरमागरम बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित किया। इस बहस के दौरान, भारतीय ब्लॉक के सदस्यों ने कानून का जमकर विरोध किया।
स्टालिन भी कोर्ट जाने की तैयारी में, विधानसभा में दिया बड़ा बयान
एम. के. स्टालिन ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने की आलोचना की और सीएम एम. के. स्टालिन ने घोषणा की कि डीएमके इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। तमिलनाडु विधानसभा में सीएम स्टालिन ने कहा तमिलनाडु इस कानून के खिलाफ लड़ेगा और इसमें सफल होगा। लोकसभा में विधेयक पारित होने के विरोध में डीएमके के विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान काली पट्टियां बांधीं। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सदन को याद दिलाया कि 27 मार्च को तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की थी। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि यह कानून धार्मिक सद्भाव को कमजोर करता है और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
बिल पर जेपीसी में हुई पर्याप्त चर्चा, अब विरोध करना गलत: नड्डा
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल 2025 पर चर्चा के दौरान सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा- हमारा प्रयास है कि वक्फ के काम पारदर्शिता आए। अपने संबोधन की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा- मुझे उम्मीद है कि सदन इस बिल का समर्थन करेगा। इस बिल का मूल उद्देश्य वक्फ की संपत्ति का रखरखाव करना है। इस बिल पर काफी चर्चा हुई है। मैं इस बिल को लेकर कहना चाहता हूं, इसके खिलाफ जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसका विरोध करता हूं। इस बिल को लेकर 2013 बने जेपीसी में सिर्फ 13 सदस्य थे, अब इस बिल को लेकर बने जेपीसी में 31 सदस्य थे।
बीजेडी ने बदला रुख, विधेयक पर वोटिंग के लिए व्हिप जारी नहीं
इस बीच बीजू जनता दल (बीजद) ने अपना वक्फ संशोधन विधेयक की खिलाफत करने का अपना रुख बदल लिया है। अब पार्टी के सांसद सस्मित पात्रा ने कहा है कि वक्फ विधेयक के लिए पार्टी की तरफ से कोई व्हिप नहीं जारी किया गया है। सांसद अपने अंतरात्मा की आवाज को सुनकर राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर वोटिंग कर सकते हैं। गौरतलब है कि बीजद ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा से पहले इसका विरोध की बात कही थी। हालांकि, अब फैसला बदलने से राज्यसभा में विपक्ष की स्थिति और कमजोर हुई है। दरअसल, राज्यसभा में बीजद के 7 सांसद हैं। पहले इनकी गिनती विपक्ष में होती थी। हालांकि, अब इन सांसदों का रुख तय नहीं है। ऐसे में वक्फ विधेयक पर विपक्ष की ताकत और कमजोर होना तय है।
अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल... राज्यसभा में वकील सांसदों की गजब दलीलें
चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, निर्दलीय कपिल सिब्बल जैसी सीनियर एडवोकेट्स ने सदन में बिल के विरोध में दलीलें पेश कीं। दोनों ने इसे मुस्लिमों को मिले संवैधानिक अधिकारों का हनन करार दिया। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों न कहा कि देश में गरीबी से लेकर और भी कई समस्याएं हैं जिनके खिलाफ जंग जरूरी है, यह विधेयक समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाएगा। उन्होंने बिल को संविधान विरोधी बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि जब उसने देश की सारी संपत्ति बेच ली तब उसकी नजर वक्फ की संपत्ति पर गई। यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश का उदाहरण सामने है जहां लोगों को नमाज अदा नहीं करने दिया गया, यहां तक कि लोगों को अपनी छतों पर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को सरकार पर भरोसा नहीं है। सदस्य संजय राउत ने कहा कि भाजपा मुसलमानों की इतनी चिंता कर रही है जितनी कि (मोहम्मद अली) जिन्ना ने भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक ध्यान भटकाने की रणनीति है।