बहुत कुछ सिखती है चौमूं उपखंड के ग्राम अमरपुरा निवासी कालूराम झाझडिय़ा की कहानी, 10 साल की उम्र में अपने पिता को खोया; हर दिन कठिनाइयों में बीता लेकिन अब जरूरतमंदों की बने आवाज
जयपुर। यह कहानी है एक ऐसे युवार की जिसने संघर्षों के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और आज कई जरूरतमंदों का सहारा बने हुए है। यह कहानी है चौमूं उपखंड के ग्राम अमरपुरा के निवासी कालूराम झाझडिय़ा की। महज 10 साल उम्र में झाझडिया के सिर से पिता का साया सर से उठ गया था। उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया। घर की जिम्मेदारी के चलते बीच में पढ़ाई छूट गई लेकिन हिम्मत नहीं हारी। जब वे बालिग हुए तो समाज से जुडक़र समाज सेवा करने की ठानी, जिसकी शुरुआत अपने गांव से की। अपने गांव में उन्होंने 30 सिटर महिला लाइब्रेरी का निर्माण करवाया, और पंचायत में स्वच्छता अभियान शुरू किया।
इसके बाद उनका सफर नहीं थमा और गोविंदगढ़ ब्लॉक में नशा मुक्ति अभियान की मुहिम छेड़ी और अब तक 2000 से अधिक युवाओं को संकल्प दिलाया और युवाओं को नशे से दूर किया धीरे-धीरे यह अभियान 5000 से अधिक लोगों तक पहुंच गया है। साथ ही बंद रास्ता प्रकरणों को आपसी समझाइए करवा करके अब तक पांच रास्ते इनके द्वारा खुलवाए जा चुके हैं। सामाजिक संगठन से जुडक़र बुराइयों से नाता तोड़ो शिक्षा से नाता जोड़ो जनचेतना यात्रा निकाल करके समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को अपने घर से बंद करके आगे बढ़े और लोगों से मिलकर के बंद करने का आवाहन कर रहे हैं। झाझडिय़ा गवर्नमेंट स्कूलों में भौतिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करवा करके प्रतिभाओं को तरासने का भी काम कर रहे हैं। सरकार के द्वारा चलाई जा रही सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में आमजन को जागरूक करने जरूरतमंद परिवारों को लाभ दिलाने का काम कर रहे हैं। कोरोना काल के चलते गौ सेवा में टीम के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों में बढ़ चढक़र के हिस्सा लेते हैं।
महज 33 वर्ष की आयु में झाझडिय़ा बने युवाओं के लिए प्रेरणा, लड़ते है वंचितों के हक की लड़ाई
महज 33 वर्ष की उम्र में अपनी ग्राम पंचायत के साथ-साथ चौमूं उपखंड क्षेत्र के गरीब मजदूर किसान वर्ग की आवाज को बड़ी मजबूती से उठाते हैं और उनके हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं और सफल भी होते हैं। किसानों की विभिन्न मुद्दों पर सामाजिक कार्यों में गांव से जुड़ी हर समस्या को प्रमुखता से लेकर उसका निराकरण कराने का प्रयास व समस्या को दूर करना इनके विभिन्न बिंदुओं में आता है। सामाजिक कार्यों में बढ़-चढक़र हिस्सा लेना एसडीम कलेक्टर व मुख्यमंत्री तक अपनी बात को प्रमुखता से रखना एवं क्षेत्र की हर समस्या का समाधान करवाना इनको अच्छी तरह से आता है झाझडिया को अब तक उपखंड स्तर, जिला स्तर, राष्ट्रीय सेवा सम्मान, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड के मुख्य अतिथि में जाट गौरव रत्न सम्मान, एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय रत्न सम्मान सहित अनेक सामानों से नवाजा जा चुका है।