मानसरोवर क्षेत्र में बनने वाली वंदे भारत रोड के लिए चिह्नित जमीनों को खाली करवाने का अभियान शुरू, पहले दिन 80 मकानों और दुकानों पर चला पीला पंजा
पीडि़त पूछते रहे एक ही सवाल; 20 फिट सडक़ के लिए लोगों को बेघर करना कितना वाजिब, आखिर हर बार रसूखदार ही क्यों बच निकलते है?
जयपुर। विकास के नाम पर जब लोगों के आशियाने टूटे तो पीडि़तों का दर्द आंखों से नजर आया। मामला राजधानी जयपुर का है जहां मंगलवार से जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने मानसरोवर इलाके में बनने वाली वंदे भारत रोड के लिए चिह्नित जमीनों को खाली करवाने का अभियान शुरू किया है। तीन दिनों तक चलने वाले इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के पहले दिन जेडीए के अधिकारियों को स्थानीय लोगों का विरोध-प्रदर्शन झेलना पड़ा। अपने मकान और दुकान को टूटता देख लोग जेडीए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश से शुरू हुए इस अभियान के पहले दिन जेडीए के बुलडोजर ने करीब 65 मकान-दुकानों को तोड़ा। दरअसल मंगलवार से जयपुर के मानसरोवर इलाके में जयपुर नगर निगम के द्वारा अवैध निर्माण को लेकर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया है। इस कार्रवाई के दौरान इलाके में करीब सैकड़ों अवैध निर्माण पर कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही के दौरान स्थानीय लोग मकान की दीवारें, घर और दुकान नहीं तोडऩे की गुहार लगाते नजर आए। लेकिन जेडीए के अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और लगातार पीले पंजे के द्वारा कार्रवाई जारी रही।
80 फिट की रोड को 100 फिट करने के लिए 265 से अधिक मकान दुकान चिन्हित
बताया जा रहा है कि जयपुर विकास प्राधिकरण की टीम ने यहां 265 से ज्यादा मकान और दुकानों को चिह्नित किया है। जिन्हें न्यू सांगानेर रोड से वंदे भारत रोड तक 100 फीट चौड़ी सडक़ बनाने के लिए तोड़ा जाना है। करीब 2.5 किलोमीटर क्षेत्र में हाईकोर्ट के आदेश पर जेडीए द्वारा अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है। जेडीए ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन इलाको में धारा 72 का नोटिस जारी करके खुद के स्तर पर 17 जून तक निर्माण हटाने का समय दिया था। पृथ्वीराज नगर जोन दक्षिण से नोटिस जारी कर 17 जून तक का समय देने के बावजूद जब अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो मंगलवार से तीन दिन तक अवैध निर्माण को लेकर कार्यवाही की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में चुनाव के चलते लगी थी रोक
अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान भी कार्यवाही करने के आदेश को चुनाव के चलते रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब इन अवैध निर्माण को लेकर कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान एक विधवा महिला रोती हुई अधिकारियों के सामने मकान नहीं तोडऩे की गुहार लगाती नजर आई। स्थानीय महिला उमा शर्मा रोती हुई यह बोल रही थी कि यहां 100 फीट रोड की जरूरत नहीं है। 80 फीट सेक्टर रोड भी काम चल सकता था। लेकिन ना जाने क्यों आम जनता के घर तोडऩे के लिए इस तरह की कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरा 50 गज का घर है, जिसमें 30 गज मकान को तोड़ दिया गया। अब रहने की छत का जुगाड़ कर पाना भी मुश्किल होगा।
पहले ही दिन जेडीए अधिकारियों को करना पड़ा विरोध का सामना
घर नहीं तोडऩे की गुहार करतीं महिलाओं ने पहले तो जेसीबी को आगे ही नहीं बढऩे दिया। इसके बाद मुआवजे की मांग को लेकर भी वे अधिकारियों से उलझ गईं। आखिरी में काफी समझाइश के बाद करीब 10 बजे अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई। जेडीए ने 80 से ज्यादा अवैध निर्माण तोड़े हैं। इनमें मकान-दुकानों के अलावा दो स्कूलों पर भी कार्रवाई की गई है। एक स्कूल की बिल्डिंग को तो पूरा तोड़ा है। वहीं, मानसरोवर के सेंट टेरेसा स्कूल में अवैध बाउंड्रीवॉल तोड़ी गई। हालांकि, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इस स्कूल का बड़ा हिस्सा अवैध है। अधिकारियों ने दबाव में उसे नहीं तोड़ा। मामला बढ़ता देख स्कूल को नोटिस जारी किया गया है।
20 लोग स्टे लेकर आ गए; ये तो बच जाएंगे, 9 मामलों में मुआवजे की मांग
इस मामले में 20 लोग कोर्ट से स्टे लेकर आ गए हैं। इनमें 9 मामलों में मुआवजे को लेकर केस विचाराधीन है। इनका निर्माण 2003 से पहले का है। राजस्थान सरकार के आदेश अनुसार जयपुर के पृथ्वीराज नगर इलाके में सेक्टर रोड पर 2003 से पुराने स्ट्रक्चर तोडऩे पर निर्माणकर्ता को भुगतान किया जाता है। वहीं, 11 में पारिवारिक विवाद और किराएनामे जैसे विवाद को लेकर कोर्ट में केस चल रहे हैं। अलग-अलग कोर्ट में सबके मामले विचाराधीन हैं। इनकी सुनवाई की तारीख भी अलग-अलग है। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर ही अंतिम फैसला होगा। दूसरी ओर, जेडीए हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही अवैध निर्माण तोडक़र सेक्टर रोड बना रहा है।
स्टे वाले मामलों पर जेडीए की लीगल टीम को किया गया सक्रिय
जेडीए के उपायुक्त सुनील शर्मा ने बताया कि फिलहाल जो मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, उन पर जयपुर विकास प्राधिकरण की लीगल टीम काम कर रही है। जल्द ही इन मामलों को लेकर हम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश में ही आगे की कार्रवाई को पूरा किया जाएगा। जेडीए के मुख्य नियंत्रक महेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सेंट टेरेसा स्कूल के संचालकों को अवैध निर्माण हटाने के लिए अगले 24 घंटों की मोहलत दी गई है। अगर इसके बाद भी अवैध निर्माण को स्कूल द्वारा अपने स्तर पर नहीं हटाया गया तो जेडीए की टीम अवैध निर्माण को तोड़ेगी।