केजरीवाल को ‘सशर्त सुप्रीम राहत’; सिर्फ करेंगे प्रचार..नहीं कर सकेंगे सीएम का काम; ‘2 जून को फिर अंदर’!

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत के बाद तेज हुई सियासत, आम आदमी पार्टी इस बता रही सच की जीत लेकिन न्यायालय ने नहीं किया है आरोप मुक्त


इस जमानत के बहाने पूरे देश की सियासत गर्माई, अब अगर कोई संगीन अपराधी भी चुनाव लड़ेगा तो उसे भी जमानत मिलने का हुआ रास्ता साफ, छिड़ी सियासी बहस


नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत से उनको अंतरिम जमानत मिल गई है। जमानत मिलने के साथ ही आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हो गए हैं। वहीं, बीजेपी का कहना है कि शराब घोटाले में केजरीवाल लिप्त हैं, ये कोर्ट में साफ हो गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली की सियासत पर क्या असर होगा? हालांकि केजरीवाल को जमानत मिलने के साथ ही आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हो गए हैं। पार्टी नेताओं ने प्रेस कॉफ्रेंस करके कहा कि बजरंगबली का उन पर आशिर्वाद है, जमानत मिलने से दिल्ली नहीं पूरा देश खुश है। उनको सियासी षड्यंत्र के तहत जेल भेजा गया था, ताकि लोकसभा चुनाव से दूर रहें। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में कहा, ‘ सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. तानाशाही का अंत होगा। सत्यमेव जयते, देश देखेगा केजरीवाल का कमाल’।’
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, यह जानकर बहुत खुशी हुई कि अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई। यह फैसला आज के राजनीतिक माहौल के लिए काफी सकारात्मक होगा और विपक्ष को फायदा होगा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अंतत: सत्य और न्याय की जीत होगी। केजरीवाल की बेगुनाही और एनडीए/बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति बिना किसी संदेह के बाहर हो जाएगी। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि शराब घोटाले में केजरीवाल लिप्त हैं। ये कोर्ट में साफ हो गया है, एक जून के बाद उनको जेल जाना ही होगा।


केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद अब नए समीकरणों पर होगी मशक्कत
केजरीवाल के जेल से बाहर आने को लेकर सियासी नफा-नुकसान पर सभी के अपने-अपने दावे हैं। जानकारों का कहनास है कि सीएम केजरीवाल के जेल जाने से आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार ठंडा पड़ा हुआ था। उन्हें लीडरशिप की जरूरत महसूस हो रही थी। जमानत मिलने और जेल से बाहर आने से चुनाव पर सियासी प्रभाव जरूर पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के लोगों के हौसले बुलंद होंगे और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरेगा। केजरीवाल के जेल में रहने के चलते उनकी पार्टी प्रचार का माहौल नहीं बना पा रही थी, लेकिन अब उनके बाहर से आने से सियासी बज क्रिएट होगा।


दिल्ली और पंजाब दोनों जगह आम आदमी पार्टी को मिल सकता है सियासी लाभ 
राजनीतिक जानकारों के अनुसार सीएम केजरीवाल की गैर-मौजूदगी में उनकी पत्नी सुनीता चुनावी कैंपेन संभाल रही थीं। मगर, मीडिया का अट्रैक्शन नहीं मिल पा रहा था। उनके आने से दिल्ली और पंजाब दोनों ही जगह पर प्रचार को धार मिलने के साथ-साथ सियासी लाभ भी मिल सकता है। केजरीवाल सियासी रुख बदलने के माहिर खिलाड़ी हैं। जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह आक्रामक प्रचार करेंगे, उससे उनकी पार्टी और इंडिया गठबंधन को लाभ मिल सकेगा। सीएम भगवंत मान पंजाब तक ही अपना असर दिखा सकते हैं। वो दिल्ली की सियासत पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे थे।


‘बीजेपी के नैरेटिव को तोडऩे में माहिर है केजरीवाल’, कांग्रेस को भी होगा फायदा
वरिष्ठ पत्रकारों के अनुसार केजरीवाल इंडिया गठबंधन का अहम हिस्सा हैं केजरीवाल देश के उन नेताओं में हैं, जिन्हें बीजेपी के सियासी नैरेटिव को काउंटर करना बाखूबी आता है। बीजेपी और पीएम मोदी जिस तरह से हिंदुत्व की पिच पर खड़ी नजर आ रही है और राममंदिर से लेकर हिंदू-मुसमलान का एजेंडा सेट कर रही है, उसे केजरीवाल बखूबी मोडऩा जानते हैं। केजरीवाल के बाहर आने के बाद पार्टी के उस नैरेटिव को बल मिलेगा कि उन्हें फंसाया गया है। केजरीवाल के बाहर आने से सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश में इंडिया गठबंधन के चुनाव प्रचार को धार मिलेगी। गठबंधन के मंच से केजरीवाल बीजेपी और पीएम मोदी पर अब पहले से ज्यादा आक्रामक नजर आ सकते हैं, जो बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन सकती है।


सीएमओ जाने की इजाजत नहीं... केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने इन 5 शर्तों पर दी जमानत

1. 50 हजार रुपये का जमानत बॉन्ड
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 50,000 रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत देनी होगी। इससे जेल सुपरिटेंडेंट को संतुष्ट होना होगा।


2. सीएम ऑफिस जाने पर रोक
अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय में जाने पर रोक लगा दी गई है।


3. फाइलों पर साइन नहीं कर सकेंगे
केजरीवाल अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे कि वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो।

4. शराब नीति मामले में पर टिप्पणी नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को निर्देश दिया गया है कि वह चल रहे मामले, विशेष रूप से दिल्ली शराब नीति मामले में अपनी भागीदारी के बारे में कोई टिप्पणी न करें, जिसके लिए 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

5. गवाह या फाइल तक पहुंच पर प्रतिबंध
अरविंद केजरीवाल को किसी भी गवाह के साथ बातचीत करने और/या दिल्ली शराब पुलिस मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंचने से प्रतिबंधित किया गया है।