पंडित सोहनलाल शर्मा पुजारी श्री झीडा वाले बालाजी ने जानकारी देते हुए बताया कि होलिका दहन फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा को किया जाता है प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा अगर भद्रा रहित हो तो होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत है इस वर्ष फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी गुरुवार दिनांक 13 मार्च को प्रातः 10:35 बजे तक और उसके पश्चात पूर्णिमा प्रारंभ होगी जो कि अगले दिन 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर 12:24 तक रहेगी अतः प्रदोष काल में पूर्णिमा 13 मार्च को होने के कारण 13 मार्च को ही होलिका दहन पर्व मनाया जाएगा शास्त्र के अनुसार होली का दहन भद्रा त्याग कर किया जाना चाहिए होलिका दहन में भद्रा यदि निशीथ समय अर्थात अर्ध रात्रि के समय समाप्त हो जाती है तो भद्रा समाप्ति के पश्चात ही होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत है इस वर्ष भद्रा रात्रि 11:30 पर समाप्त हो रही है अतः13 मार्च गुरुवार को रात्रि 11:30 के पश्चात होलिका दहन करना श्रेष्ठ एवं शास्त्र सम्मत रहेगा
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