आखिरकार मंत्रिमंडल विस्तार पर ‘बन ही गई बात’..तैयारियां शुरू; सीएम की राज्यपाल से खास मुलाकात!

प्रदेश में 30 मंत्रियों के कोटे में से फिलहाल रिक्त है 6 पद, राईजिंग राजस्थान के बाद और सरकार की पहली वर्षगांठ पर मिल सकता है विधायकों को तोहफा

उपचुनाव में पार्टी की जीत का भी दिखेगा असर, कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल संभव, 6 पदों के लिए करीब एक दर्जन चेहरे दौड़ में, क्षेत्र और समाजों के प्रतिनिधित्व को किया जाएगा बैलेंस

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से मुलाकात की है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं राजभवन के मुताबिक यह शिष्टाचार मुलाकात है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि राइजिंग राजस्थान के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है, जिसके लिए तैयारी हो रही है। दरअसल कोटे के हिसाब से सरकार में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं। ऐसे में अभी मुख्यमंत्री समेत कुल 24 मंत्री ही हैं। जबकि, कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। कुछ राज्य और स्वतंत्र प्रभार मंत्री विभाग में भी फेरबदल हो सकता है। उपचुनाव में जिस तरह से बीजेपी को जीत मिली है उसे लेकर भी यहां संगठन में काम तेज हो गया है। 
दरअसल, उपचुनाव के बाद मंत्री पद के दावेदार भी सरकार में बढ़े है। इनमें से किसी एक या दो चेहरों को मौका मिल सकता है। इनमें नए नाम झुंझुनूं से राजेंद्र भांबू के अलावा खींवसर से रेवंतराम डांगा आदि के नाम मंत्रीपद पर दावेदारों में निकलकर आ रहे हैं। सरकार 1 या 2 मंत्रियों को बदलती है तो 7 या 8 विधायक मंत्री बन सकते हैं। ऐसा करके क्षेत्र और समाजों के प्रतिनिधित्व को बैलेंस किया जा सकता है। साथ ही सियासी और राजनीतिक तौर पर साधा जा सकता है। उदाहरण से समझे कि श्रीगंगानगर में मंत्री उप चुनाव हार गए थे और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में इस क्षेत्र से प्रतिधिनिधित्व देकर भरा जा सकता है। इस तरह सादुल शहर से गुरुवीर सिंह या श्रीगंगानगर से जयदीप बियानी दावेदार है। उधर, अन्य दावेदारों में निम्बाहेड़ा से श्रीचंदकृपलानी, पुष्पेंद्र सिंह बाली, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, गोरधन वर्मा, के अलावा उप चुनाव जीते भाजपा के विधायकों के नाम चर्चा में है।

इन विधायकों को मिल सकती है जगह, रेवंतराम डांगा को बड़ा विभाग संभव
वर्षों बाद खींवसर विधानसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली है, इसलिए वहां पर बीजेपी कृषिमंत्री दे सकती है। उपचुनाव में रेवंतराम डांगा को लेकर खींवसर में मंत्री को लेकर चर्चा थी। इसलिए बीजेपी उन्हें मंत्री बनाकर एक बड़ा संदेश दे सकती है। वही, झुंझुनूं में बीजेपी को दशकों बाद जीत मिली है, यहां भी राजेंद्र भाम्भू को मंत्री बनाया जा सकता है। राजेंद्र को उद्योग मंत्रालय मिल सकता है। इसके अलावा शांता मीणा का भी नाम है। जिन्हें अभी सलूम्बर सीट से जीत मिली है। इन सभी को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। 


इनका बदला सकता है विभाग, किरोड़ी मीणा पर असमंजस बरकरार
कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम, राज्यमंत्री केके विश्नोई के विभाग में बदलाव हो सकता है। इन मंत्रियों के काम को लेकर कई बार शिकायत भी जा चुकी है। दरअसल, राजस्थान सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग अलग-अलग है। तबादलों को लेकर दो मंत्रियों में मतभेद सामने आ चुके है। ऐसे में किसी एक मंत्री के विभाग में बदलाव देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि इस्तीफा दे चुके मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल को नए विभागों से भी नवाजा जा सकता है।

इधर, राजस्थान कांग्रेस संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने किया खुलासा
इधर, विधानसभा चुनावों में सत्ता और विधानसभा उपचुनावों में अपनी तीन सीटें खो चुकी कांग्रेस अब जल्द ही अपने संगठन में बदलाव करेगी। यह बदलाव ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक होंगे। राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार कहा कि जल्द ही संगठन के स्तर पर कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। डोटासरा ने प्रदेश के निकायों में प्रशासक लगाने पर भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि समय पर चुनाव करवाने चाहिए थे। गोविंद सिंह डोटासरा ने सीकर स्थित अपने आवास पर कहा कि भाजपा सरकार ने निकायों में प्रशासक लगा दिए हैं। वह अब पंचायतों में भी प्रशासक लगाने की तैयारी में है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने अपनी तीन सीटें रामगढ़, देवली उनियारा और झुंझुनूं को खो दिया है। ये तीनों सीटें विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीती थी। लेकिन, राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस की तीन सीटों पर जमानत ही जब्त हो गई थी। कांग्रेस केवल दौसा सीट ही जीत पाई है। चुनावों कांग्रेस में काफी फूट सामने आई थी।