दिल्ली विभिषीका छोड़ गई कई सवाल..राजनीति से परे सोचना जरूरी

उनींदा प्रशासन को ‘हादसे की गोली’..क्या अब तक लगी थी हाथों में मेहंदी!

बात जयपुर की करें तो सालों से संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा पर जिम्मेदारों ने क्यों साधे रखा मौन!

बड़ा हादसा होने के बाद ही टूटती है नींद, फिर कार्रवाई का दिखावा करो और लूट लो वाहवाही; या दूसरे के माथे फोड़ दो ठीकरा

सबने देखा..सूरत में 22 बच्चे जलकर मरे, फिर मुखर्जी नगर में लगी आग लगी, बच्चे बिल्डिंग में ऊपर से कूदे, अब बेसमेंट में गुम हो गई तीन जिंदगियां 

जयपुर। ऐसा नहीं है कि राजधानी में सालों से संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर्स की किसी को जानकारी नहीं थी। बात चाहे दिल्ली की हो या जयपुर की, दोनों ही राजधानियों में इन कोचिंग सेंटर्स की भरमार है। युवा यहां अपना उज्जवल भविष्य तलाशने आते है और उन उम्मीदों को भुनाने का काम कोचिंग सेंटर करते है। लेकिन, आज बात कोचिंग सेंटर्स की नहीं बल्कि प्रशासन की उदासीनता की है। आजकल दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग और लाइब्रेरी के बेसमेंट में हुआ हादसा और वहां काल का ग्रास बन चुकी तीन जिंदगियों की कहानी सुर्खियों में है। इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्म है और सिर्फ एक-दूसरे पर ठीकरा फोडऩे का काम किया जा रहा है। हादसे के बाद प्रशासन जागता है और वाहवाही लूटने के लिए कुछेक कोचिंग सील कर दिए जाते हैं लेकिन ये कोई नहीं पूछता कि आखिर हादसों के बाद ही प्रशासन की नींद क्यों टूटती है?

हर बार हादसे के बाद बस होता है दिखावा..यह है मिलीभगत की ओर इशारा
सूरत में 22 बच्चे जलकर मरे। फिर मुखर्जी नगर में आग लगी, बच्चे बिल्डिंग में ऊपर से कूदे.. सबने देखा, कोई धरना-प्रदर्शन करने नहीं गया। लाइव वीडियो चलती रही, राजकोट के गेमिंग जोन में इतने बच्चे मरे कोई नहीं आया, इसी क्रम में राजेंद्र नगर में घटना घटती है और बच्चों की मृत्यु होती है। ये हादसे कोई संयोग नहीं बल्कि प्रशासन की बेपरवाही है। आखिर क्यों प्रशासन हर बार हादसों के बाद ही जागता है। जयपुर में भी सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित है लेकिन वो इन संस्थानों को किस तरह संचालित कर रहे है इस ओर सालों तक किसी का ध्यान नहीं जाता। कोई बड़ा हादसा होने के बाद सिर्फ खानापूर्ती कर दी जाती है और जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली जाती है। 


सरकारी नियमों के लूपहोल से होते है हादसे, दांव पर जिंदगियां
सवाल यह है कि या तो आप कंसंर्ड अथॉरिटी को घेरकर बोलो कि बेसमेंट में कोई नहीं मिलेगा। सरकार ऐसा लॉ पास करे कि अगली बार ऐसा होता है किसी भी संस्थान, किसी भी इंस्टिट्यूट, किसी भी जगह जहां पर ओनर की लापरवाही से किसी की मृत्यु हो रही है, उसकी संस्था और उसकी पूरी संपत्ति सील की जाएगी। उसको आजीवन कारावास दिया जाएगा, इसका विधान बनाया जाए। वरना ये ऐसे ही चलता रहेगा, कुछ नहीं होगा। इससे जुड़ी अधिकारियों की सारी संपत्ति सीज कर ली जाएगी, उनको भी आजीवन करावास दिया जाएगा। 


हर बार हादसे के बाद टूटती है नींद, अब जयपुर में दिए जांच के आदेश
जयपुर पुलिस ने अब थानाधिकारियों को आदेश जारी करते हुए उनके क्षेत्र में संचालित तमाम कोचिंग संस्थानों और लाइब्रेरी को लेकर रिपोर्ट बनाकर 2 दिन में सौंपने के लिए कहा है। जिस पर सभी थानाधिकारियों ने कार्रवाई करना भी शुरू कर दिया है और बुधवार शाम तक राजधानी में संचालित तमाम कोचिंग संस्थानों और लाइब्रेरी को लेकर रिपोर्ट कमिश्नरेट के आला अधिकारियों को प्राप्त होगी। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा आगे क्या कार्रवाई करनी है इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी।


ग्रेटर मेयर भी अब तक थीं चुप, अब फील्ड में निकली तो दो संस्थान किए सील
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर ने शहर में गोपालपुरा बाइपास स्थित कोचिंग सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। फायर एनओसी नहीं मिलने के कारण गुरुकृपा और कलाम कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया। जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर ने कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों से भी बात की और उनको सुरक्षा संबंधी उपायों और नगर निगम के नियमों के बारे में बताया। दरअसल, दिल्ली के राजेंद्र नगर में 27 जुलाई 2024 को राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 यूपीएससी अभ्यर्थियों की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। मेयर सौम्या गुर्जर ने बताया- शहर में ग्रेटर एरिया में संचालित तमाम कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा व्यवस्था, फायर एनओसी, फायर फाइटिंग सिस्टम का सर्वे और निरीक्षण करने के लिए हमने मुख्यालय स्तर पर कमेटी बनाई है। कमेटी में नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय के उपायुक्त, फायर उपायुक्त, जोन उपायुक्त के अलावा तीन तकनीकी टीम के अधिकारी शामिल किए हैं। ये टीम जल्द शहर का सर्वे करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। कोचिंग संस्थाओं को नोटिस जारी करेगी।