टोडाभीम के गांव मूडिया में सीएम भजनलाल की खरी-खरी.. जल जीवन मिशन में हुआ बड़ा घोटाला..अब जिम्मेदारों को जेल भेजेगी सरकार!


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा-भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं, ईआरसीपी के कार्य को सरकार शीघ्र करेगी प्रारंभ 

किसान नेताओं ने मूडिय़ा में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार से कराया अवगत, ईआरसीपी का कार्य प्रारंभ करने की रखी मांग

हिंडौन सिटी/ टोडाभीम। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों में हुए भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। घोटालेबाजों को सरकार हर हाल में जेल भेजेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी राजस्थान की लाइफ लाइन माने जाने वाली ईआरसीपी के कार्य को सरकार शीघ्र प्रारंभ करेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरुवार को टोडाभीम के गांव मूडिया में सामाजिक क्रांति के पुरोधा कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला की मूर्ति का अनावरण करने के बाद किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मूर्ति अनावरण के दौरान किसान संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक अमर सिंह नीमरोट और प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपकर जल जीवन मिशन के तहत करौली और गंगापुर सिटी जिलों में स्वीकृत कार्यों में हुए भारी भ्रष्टाचार से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही ईआरसीपी का कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की मांग को लेकर भी एक अलग से ज्ञापन दिया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गंभीरता व्यक्त करते हुए अपने संबोधन में कहा कि जल जीवन मिशन में पहले पानी का स्रोत देखा जाना चाहिए था, लेकिन शुरू से ही घोटाला करने की नीयत के चलते पानी का स्रोत जाने बिना टंकियां खड़ी कर दी गईं और सडक़ों को खोदकर पाइप लाइनों का जाल बिछा दिया गया। इससे सरकार की योजना को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा और घोटालेबाजों को जेल भेजा जाएगा।

किसान नेताओं ने कहा-करोड़ों खर्च, फिर भी नहीं मिला एक बूंद पानी
मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में किसान नेता अमरसिंह नीमरोट और दीनदयाल सारस्वत ने उल्लेख किया कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर घर जल पहुंचाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है, लेकिन पूर्ववर्ती राज्य की कांग्रेस सरकार में हुए भारी भ्रष्टाचार के कारण करौली व गंगापुर सिटी जिलों के शहर व गांवों में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकत कार्यों को भ्रष्टाचार ने निगल लिया है। करौली जिले के करौली, हिण्डौन, सपोटरा और गंगापुर सिटी जिले के टोडाभीम खण्ड में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों में 20 प्रतिशत पानी भी आमजन को नहीं मिल पाया है। उल्लेख किया कि जल जीवन मिशन में सर्वप्रथम पेयजल स्त्रोत जानने के बाद ही अग्रिम कार्य टंकी निर्माण, पाइप लाइन बिछाना, घर-घर कनेक्शन आदि अन्य कार्य किए जाने थे, लेकिन लगभग सभी स्वीकृत स्थानों पर पेयजल स्त्रोत जाने बिना ही टंकी निर्माण, पाइप लाइन बिछाने एवं घर-घर कनेक्शन के कार्य पूरे होना बताकर भारी भ्रष्टाचार करते हुए भुगतान उठा लिया गया है। 

जल जीवन मिशन में हुआ बड़ा घोटाला, सामने आई कई अनियमितताएं
ज्ञापन में बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हिण्डौन, करौली, सपोटरा व टोडाभीम में स्वीकृत कार्यों में खोदे गए नलकूपों में निर्धारित वजन और मोटाई में पाइप नहीं डाले गए हैं। दिखावे के तौर पर जल योजना में 15-20 फीट की गहराई तक निर्धारित वजन के पाइप डाल दिए है, जबकि 20 फीट के नीचे गहराई में महज 80 किलो वजन के पाइप डाले गए हैं, जो बड़ी अनियमितता है। इसी तरह नलकूपों में उपयोग में ली गई केसिंग पाइप अत्यंत घटिया किस्म के हैं। संवेदकों ने पाइपों की खरीद किसी निर्धारित विश्वसनीय कंपनी से करने के बजाय स्थानीय स्तर पर ही घटिया कारखाने से खरीदे हैं। पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी निर्धारित शर्तों के अनुसार नहीं किया गया है। खंड हिण्डौन, करौली और टोडाभीम में एक ही खुदाई में 2 से 3 लाइनें डाल दी गई हैं, जबकि भुगतान अलग-अलग खुदाई व लाइनों का उठाया गया है। 

जल जीवन मिशन में हुए घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गब्ति करने की मांग, होनी चाहिए उच्च स्तरीय जांच
मुख्यमंत्री से मांग की गई कि जल जीवन मिशन में करौली व गंगापुर सिटी जिलों के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग खंडों में हुए घोटाले की जांच कराने के लिए एसआईटी का गठन करते हुए उच्चस्तरीय जांच कराएं और दोषियों को हर हाल में दंडित कर जरूरतमंदों को पेयजल उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को किसान संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक अमर सिंह नीमरोट और प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने ज्ञापन देकर अवगत कराया कि ईआरसीपी में देरी होने से पूर्वी राजस्थान का विकास बाधक हो रहा है। उल्लेख किया कि  पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों के लिए स्वीकृत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी, एकीकृत ईआरसीपी-पीकेसी) का कार्य प्रारंभ नहीं होने से करोडों किसानों के साथ आमजन में निराशा का माहौल है। पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों में ईआरसीपी को स्वीकृत कराने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना (पानी वाले बाबा) के बैनर तले चार साल तक किसानों और आमजन को जागरूक व एकजुट करने के साथ बड़ी लड़ाई लड़ी गई। गांव और ढाणियों में जाकर आमजन को ईआरसीपी के बारे में विस्तार से बताया गया। तभी से पूर्वी राजस्थान के किसान चंबल का पानी नहरों के माध्यम से खेतों तक आने के लिए आशा लगाए हुए हैं