केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दिल्ली से उदयपुर पहुंचे और कन्हैया लाल के घर जाकर पीड़ित परिजनों से मिले. शेखावत ने परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया. बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि कन्हैया लाल को बार-बार धमकी मिलने के बावजूद पुलिस द्वारा केवल आश्वासन देना, बार-बार सुरक्षा की गुहार लगाने के बावजूद सुरक्षा प्रदान ना करना, अपितु उन्हीं को सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए बाध्य करना और अंतिम समय तक सुरक्षा मांगने पर यह कहना कि वी आर जस्ट फोन कॉल अवे (हम एक फोन कॉल दूर हैं). उन्होंने कहा कि जिला और पुलिस प्रशासन, जिन्होंने कन्हैया लाल को सुरक्षा का भरोसा दिलाया था, वह और उनके पीछे खड़ी राजस्थान सरकार भी दोषी है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "हत्यारों की जो मानसिकता है, मोटरसाइकिल के नंबर से लेकर उनके पाकिस्तान यात्रा के जो सूत्र मिले हैं, यह स्पष्ट दिखाई देता है कि यह केवल प्रतिक्रिया में की गई घटना नहीं है. यह सोची-समझी साजिश के तहत की गई घटना है."
राज्य सरकार पर बरसे शोखावत
राज्य सरकार पर बरसते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पिछले दिनों हुईं करौली, भीलवाड़ा फिर भीलवाड़ा और उसके बाद जोधपुर की घटनाओं को कनेक्ट करके देखा जाए तो साफ है कि यह जो मानसिकता राजस्थान में पनप रही है, इसके पीछे कौन लोग हैं? इनको कौन पल्लवित और पोषित कर रहा है? कौन इस तरह की मानसिकता को खाद-पानी दे रहा है? इसकी समग्रता के साथ में हॉलिस्टिक जांच होनी चाहिए, ताकि ऐसी मानसिकता को इसी स्तर पर रोका जा सके, क्रश किया जा सके, लेकिन दुर्भाग्य से बार-बार कहने के बावजूद फौरी तौर पर कार्रवाई करके हर बार ऐसे लोगों को छोड़ दिया गया."