जहां देखो वहां प्रभु राम... इराक की गुफाओं में Adipurush के साथ हनुमान के प्रमाण, गुफाचित्र 2000 साल से भी पुराना\
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इराक गए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल को साल 2019 में दरबंद-ई-बेलुला चट्टान में भगवान राम का चित्र मिला था।
आज की तारीख में दुनिया के अलग-अलग कोने में भले ही अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं दिखती हों, लेकिन एक जमाने में सनातन का बोलबाला था। यहां तक कि अरब में भी हजारों साल पुरानी यज्ञ वेदियां मिल चुकी हैं। सनातन की जड़ों के तमाम सबूत दुनिया के अलग-अलग इलाकों में मिलते ही रहे हैं।
अब ऐसा कैसे हो सकता है कि जहां सनातन की निशानियां हों वहां आदिपुरुष भगवान श्रीराम की मौजूदगी ना दिखे। भारत से बाहर दुनिया के ना जाने कितने देशों में राम के सबूत और उनकी संस्कृति जिंदा है। उन इलाकों में भी जो मजहबी रूप से इस्लामिक हैं। भगवान राम के जीवन की महागाथा पर प्रभास और कृति सेनन स्टारर आदिपुरुष का ट्रेलर आज रिलीज हो रहा है। इसे भारत समेत दुनिया के 70 देशों में रिलीज किया जा रहा है।
आदिपुरुष अपने वैश्विक ट्रेलर लॉन्च के साथ इतिहास रचने के लिए तैयार है। आदिपुरुष की ट्रेलर रिलीज के मौके पर हम भारत की जमीन से हजारों मील दूर एक ऐसी जगह के बारे में बताया रहे हैं। जहां राम से जुड़ा गुफा चित्र सामने आया और लोग हैरान रह गए कि हजारों साल पहले मर्यादा पुरुषोत्तम का आदर्श कहां-कहां मौजूद था
इराक-तुर्किए की सीमा पर आदिपुरुष का सबूत मिटाया नहीं जा सका
किसी जमाने में राम को पूजने वाले दुनियाभर में थे। समय के साथ राम से जुड़ी तमाम चीजें भले ही तबाह कर दी गईं या वक्त के गुबार में छिप गईं, लेकिन अभी भी कई दुर्लभ चीजें सामने या ही जाती हैं। ऐसी ही एक चीज पर इराक गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की नजर पड़ी। जिसे देख हर कोई हैरान था।
असल में साल 2019 में दरबंद-ई-बेलुला चट्टान में भगवान राम का चित्र मिला था। यह भित्तिचित्र (Mural Painting) था। इसमें एक राजा नजर या रहे हैं, जो भारतीय वेश भूषा में हैं। उनके हाथ में धनुष और तीर हैं। पीठ पर बाणों से भरा तरकश है। उनके सामने एक वानर घुटनों के बल हाथ जोड़े बैठा है।
बताने की जरूरत नहीं कि यह भगवान राम और हनुमान की तस्वीर है जो इराक में पत्थरों पर हजारों साल से राम की मौजूदगी की गवाही दे रहा है। भित्तिचित्र करीब 2000 ईसा पूर्व का बताया जा रहा है। एक्सपर्ट्स ने भी भित्तिचित्रों को भगवान राम से ही जोड़ा था।
यह भित्तिचित्र उस इलाके में मिला है जो आज की तारीख में दुनिया के सबसे अशांत क्षेत्रों में शुमार किया जाता है। असल में यह इलाका इराक, तुर्किए का सीमवर्ती इलाका है। ईरान की सीमा भी नजदीक है। यह इलाका कुर्दिस्तान में आता है। कुर्द इस्लाम को मानते हैं लेकिन मजहबी रूप से आजाद ख्याल के हैं और कट्टरपंथी उन्हें नापसंद करते हैं। कुर्दों के खिलाफ हिंसक घटनाएं देखने को मिलती हैं। बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी भी ना जाने कितने इटरव्यूज में भगवान राम की कुर्दिस्तान के इलाके और दुनिया के तमाम देशों में मौजूदगी का हवाला दे चुके हैं।
दुनिया भर में अस्तित्व का प्रभाव
दुनिया भर में प्रभु श्री राम को पूजा जाता है। प्रमाण मिलते हैं कि हजारों साल पहले भी भगवान राम को लेकर दुनिया भर के लोगों में आस्था थी। श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, इराक, फिलीपींस, चीन, जापान और अमेरिका तक राम का अस्तित्व और उनका प्रभाव नजर आता है। तमाम लोग अपनी आस्था, तर्क के आधार पर राम को लेकर दावा करते हैं।