जयपुर@पुष्पेन्द्र सिंह नाथावत। हजारों बीघा वन भूमि पर अतिक्रमण मामले में सरकार दखल दे तो ही कार्यवाही हो सकती है, अन्यथा जंगलात की वन भूमि नाम मात्र की रह जाएगी। जंगलात की वन भूमि पर भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध काश्त के चलते जंगल वीरान होने लगे हैं वन विभाग भ्रष्ट अधिकारियों के सामने घुटने टेकने को मजबूर है क्योंकि रिश्वत के पैसों से ऊपर तक के आला अफसर अपनी तिजोरिया भरे बैठे हैं साथ ही राजनीतिक संरक्षण के कारण वन विभाग सिर्फ खानापूर्ति की कार्यवाही करके अपने काम से इतिश्री कर लेता है अवैध काश्त के मामले में बारां जिला इतिहास रच चुका है क्योंकि यहां बात सिर्फ एक बीघा वन भूमि की नहीं है बल्कि करीब 40000 बीघा वन भूमि की पर अतिक्रमण मायने रखता है ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री को प्रदेश का मुखिया होने के नाते हस्तक्षेप करना होगा नहीं तो ऐसे भ्रष्ट अफसर बारां जिले को ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की वन संपदा को अपनी निजी संपत्ति मानकर अतिक्रमण एवं भू माफियाओं के हाथों में सौंप देंगे फिलहाल हमारा समाचार अखबार के माध्यम से सरकार के सामने हम रोजाना 12 जिले की एक रेंज की जमीनी हकीकत सामने रखेंगे कि कैसे वन विभाग के लिए नासूर बन चुके बन बैठे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों ने कैसे पूरी जिले की वन संपदा को ही दांव पर लगा दिया है।
नाहरगढ़ रेंज अंतर्गत तलवाड़ा नाका हॉटस्पॉट पिछले दिनों इसी नाहरगढ़ रेंज के रेंजर को एसीबी के एसीबी ने रिश्वत लेते दबोचा था वन भूमि पर अतिक्रमण व अवैध खनन के मामले में जलवाड़ा नाका वन क्षेत्र हॉटस्पॉट माना जाता है यहां के कर्मचारी काली कमाई को वन अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां खनन करने वालों का नेटवर्क इतना जबरदस्त है कि वह सरेआम खुले बाजार तस्करी करते हैं। फेंसिंग के नाम पर यहां का जंगल काटा जा रहा है, पेड़ों की लकडिय़ों से तार फेंसिंग कर अवैध काश्त किया जाता है नाके से कुछ ही दूरी पर बने कदीली बीड वॉच टावर के पास की वन भूमि पर अकाई कर अतिक्रमण कर लिया गया है। यहां के खेर का वन क्षेत्र में जंगल का सफाया कर दिया गया है,वही नाके का पीलिया क्लोजर खनन कर्ताओं की पहली पसंद बन चुका है। मजबूत नेटवर्क के चलते भूमाफिया ट्रैक्टर ट्रॉली भी जंगलों में ही छिपा देते हैं और मौका पाकर अवैध तस्करी करते हैं। धरातल की जमीनी हकीकत जानने के लिए इन गांव के जंगलों में घुसते ही सच सामने आ जाता है। जलवाडा नाके के अहमदा, अहमदी, बजरंगगढ, प्रेमपुरा खेरपुर, खल्दी खलदा, हरीपुरा वन खंड, नयागांव वन खंड, पीलिया, हांका, अहमदी वन खंड में जंगल उजाड़ दिए गए हैं।
इनका कहना है:
मैं दो दिन जयपुर से बाहर रहूंगा। सोमवार को लौटने पर बात करूंगा।
-सुखराम विश्नोई, वन मंत्री राजस्थान सरकार