राज्य सरकार ने बंद कर दिए 190 स्कूल..169 स्कूलों में एक भी नामांकन नहीं था!
गहलोत के गृह जिले जोधपुर के 20 स्कूल भी बंद, एक ही परिसर में संचालित 21 स्कूलों को किया मर्ज, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने जारी किए आदेश
169 स्कूलों को बंद कर दूसरे स्कूल में समाहित करने और एक ही परिसर में संचालित होने वाले 21 स्कूल होंगे मर्ज, अब स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे शिक्षकों को समायोजित
बीकानेर/जयपुर। प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने शून्य नामांकन वाले 169 स्कूलों को बंद कर दूसरे स्कूल में समाहित करने और एक ही परिसर में संचालित होने वाले 21 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। बंद स्कूलों में 6 उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा 163 प्राथमिक स्तर के हैं। इसी तरह एक ही परिसर में संचालित होने वाले 21 स्कूलों में 4 उच्च प्राथमिक तथा 17 प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ने एकीकरण के यह आदेश संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर तथा संयुक्त शासन सचिव (आयोजना विभाग) के 2 जनवरी 2025 की पालना में जारी किए हैं।
एकीकरण के बाद इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार शिक्षकों के पदों का पुनर्निधारण किया जाएगा। अधिशेष शिक्षकों का अन्य स्कूलों में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा। निर्देश हैं कि स्टाफिंग के बाद अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन होने तक कार्य व्यवस्थार्थ उसी पीईईओ क्षेत्र के उन स्कूलों में लगाया जाए, जहां नामांकन की अपेक्षा शिक्षकों की संख्या कम है। जिन स्कूलों को दूसरे स्कूलों में समाहित किया गया है, उनकी सभी स्थाई तथा अस्थाई परिसंपत्तियां जैसे भूमि, भवन, फर्नीचर, खेल मैदान, शैक्षिक उपकरण, उपयोगी तथा अनुपयोगी सामग्री आदि का हस्तांतरण स्वत: ही संबंधित विद्यालय में हो जाएगा। दरअसल, राजस्थान के शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की कोशिश में जुटी भजनलाल सरकार ने प्रदेश के 190 स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। इसमें से ज्यादातर स्कूलों में बच्चों का नामांकन नहीं था। ऐसे में उन स्कूलों में लगे शिक्षक व अन्य स्टाफ के पास कोई काम नहीं था। दूसरी ओर प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी की खबरें भी सामने आ रही थी। ऐसे में सरकार ने जीरो एडमिशन वाले 169 स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। साथ ही बेहद कम छात्र वाले 21 स्कूलों को नजदीकी स्कूल में मर्ज करने का फैसला लिया है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से लिस्ट जारी, आंकड़ों ने चौंका दिया
राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा निदेशक बीकानेर की ओर से जारी दो विभागीय पत्रों में इस बात की जानकारी दी गई है। साथ ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से जारी प्रेस नोट में भी इस बात की जानकारी दी गई है। प्रेस नोट में बताया गया कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर प्रदेश में संचालित 190 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को समन्वित किया गया है। समन्वित किए गए स्कूलों में 169 स्कूल वो राजकीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय शामिल है, जो अत्यंत नजदीक संचालित होने के कारण विद्यालयों में पर्याप्त नामांकन छात्र संख्या उपलब्ध नहीं हो पाती थी। जिसके कारण आरटीई मापदंडों के अनुसार अध्यापकों के पद स्वीकृत करने के बावजूद भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाए थे एवं शिक्षा की गुणवत्ता विपरीत रूप से प्रभावित हो रही थी।
एक ही परिसर में संचालित हो रहे 21 स्कूल किए गए मर्ज
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए शून्य नामांकन वाले राजकीय प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालय ग्राम के निकट अन्य प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालय में समन्वित कर दिया गया है। इसी प्रकार एक ही परिसर में संचालित 21 विद्यालयों को भी समन्वित किया गया है। जानकारी के अनुसार एक ही परिसर में एक से अधिक विद्यालय संचालित होने से इन विद्यालयों में पर्याप्त नामांकन उपलब्ध नहीं हो पाता था। स्कूलों को बंद करने से पहले शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों के उन स्कूलों की लिस्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी थी, जिनमें एक भी बच्चे नहीं पढ़ते. इसमें छात्रों की संख्या शून्य होने के कारण भी बताए गए थे। जैसे कि पास में ही दूसरे सरकारी अपर प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहे हैं।
इन जिलों में बंद किए गए 169 स्कूल
बंद किए गए 169 स्कूलों में बीकानेर के 4 स्कूल शामिल हैं। अन्य जिलों में अजमेर में 1, अलवर में 4, बालोतरा में 6, बांसवाड़ा 3, बारां 1, बाड़मेर 5, ब्यावर 2, भरतपुर 2, बूंदी 3, चित्तौडग़ढ़ 2, चूरू 4, दौसा 6, डीडवाना कुचामन 11, डूंगरपुर 3, श्रीगंगानगर 4, हनुमानगढ़ 2, जयपुर 18, जैसलमेर 3, जालोर 5, झालावाड़ 5, झुंझनूं 1, जोधपुर 17, करौली 10, कोटा 3, कोटपुतली-बहरोड़ 7, नागौर 7 पाली 5, फलोदी 3, प्रतापगढ़ 2, राजसमंद 2, सवाई माधोपुर 4, सीकर 5, सिरोही 2, टोंक 2, और उदयपुर के 5 स्कूल शामिल हैं।
बंद होने वाले स्कूलों के शिक्षकों का क्या होगा, संशय अब भी बरकरार
शिक्षा विभाग ने जो स्कूल बंद किए हैं, उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों का किसी अन्य स्कूल में तबादला किया जाएगा। स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी इन शिक्षकों को समायोजित करेंगे। जब तक समायोजन होगा, तब तक उन्हें निकटवर्ती स्कूल में ड्यूटी देनी होगी। दरअसल, स्कूलों में छात्र संख्या शून्य होने पर शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। इस पर जिला शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के शून्य छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची शिक्षा निदेशालय को भेजी थी। शून्य छात्र का कारण ये बताया गया कि पास ही दूसरे सरकारी अपर प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारियों ने इन्हें बंद करने के प्रस्ताव दिए। इन्हीं प्रस्तावों के आधार पर स्कूल बंद करने के लिए निदेशालय ने राज्य सरकार से अनुमति मांगी, जहां से अनुमति मिलते ही स्कूल बंद के आदेश हो गए।
एक ही परिसर में चलने वाले स्कूल निरस्त की संख्या
अजमेर 2, बालोतरा 1, भीलवाड़ा 4, बीकानेर 1, चूरू 2, गंगानगर 1, ब्यावर, 1, जयपुर 2, जालौर 1, जोधपुर 3, तिजारा, कोटा एवं राजसमंद के एक-एक स्कूल को निरस्त किया गया है।