परीक्षा के सिस्टम को फिर वायरस ने किया कै्रश..‘जोसफ और बुडानिया’ की जोड़ी ने किया क्लीन!
नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की कम्प्यूटराइज्ड परीक्षा में नकल गिरोह का भंडाफोड़, 14 आरोपी गिरफ्तार, जयपुर पुलिस और एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई कर गिरोह का किया भंडाफोड़
महज राजस्थान तक ही सीमित नहीं है गिरोह; अन्य राज्यों में भी फैले है पैर, जयपुर जिला पश्चिम की बड़ी कार्रवाई, आरोपियों ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों को रिश्वत देकर ऑनलाइन सिस्टम को हैक किया
जयपुर। राजधानी में नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की ऑनलाइन परीक्षा का पेपर लीक होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस और एसओजी ने इस बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वेस्ट जिला पुलिस ने जहां 8 आरोपियों को पकड़ा, वहीं एसओजी ने गिरोह से जुड़े 6 अन्य को गिरफ्तार किया। पुलिस ने गिरोह के कुल 25 सदस्यों को नामजद किया है और एक संदिग्ध हिरासत में है। अधिकारियों ने कहा कि यह गिरोह सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय हो सकता है। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों से सांठगांठ कर ऑनलाइन परीक्षा सिस्टम को हैक करता था। इसके जरिए पेपर पहले ही लीक कर दिया जाता था। यह पूरा रैकेट परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था। गिरोह के सदस्य बेहद शातिर तरीके से अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से ऑनलाइन डेटा चोरी कर लेते थे। जयपुर पुलिस कमिश्नर बिजू जॉर्ज जोसफ और डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया ने प्रेस वार्ता में इस घोटाले का पर्दाफाश किया। अधिकारियों ने बताया कि अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए पूछताछ तेज कर दी गई है।
इस गिरोह ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों के कर्मचारियों को रिश्वत देकर ऑनलाइन सिस्टम को हैक किया। वे परीक्षार्थियों को मोटी रकम लेकर पेपर पहले ही उपलब्ध करवा देते थे। पुलिस ने आरोपियों से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, लैपटॉप और मोबाइल जब्त किए हैं, जिनमें महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया ने प्रेसवार्ता के दौरान गिरोह के कार्यप्रणाली का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक यह गिरोह ऑनलाइन परीक्षाओं को हैक कर पेपर लीक करता था, जिससे परीक्षाओं की पारदर्शिता प्रभावित होती थी. मामले की जांच जारी है, और पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है।
आरोपी परीक्षा केंद्रों से सांठगांठ कर सिस्टम को कर लेते थे हैक
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी संदीप से पूछताछ में सामने आया कि एग्री ट्रैनी भर्ती परीक्षा में उसके साथी परमजीत, जोगेंद्र, हेरिटेज वायुना सी.सै. स्कूल खातीपुरा के संचालक प्रवीण, वैदिक कन्या स्कूल के कंप्यूटर लैब संचालक, नन्दू ठेकेदार, आईटी इंफ्रा के कम्प्यूटर लैब संचालक दिलखुश , गणपति ठेकेदार, द लॉरेन्स स्कूल मानसरोवर के कम्प्यूटर लैब संचालक और ठेकेदार प्रदीप संदीप उर्फ सैण्डी के साथ मिलकर संगठित रूप से परीक्षाओं में मोटी रकम लेकर नकल कराने का काम करते है।
कई ऑनलाइन परीक्षाओं में नकल की जानकारी, अभी खुलने बाकी है कई राज
ऑनलाइन परीक्षा के दौरान कंप्यूटर स्क्रीन को रिमोड पर लेकर पेपर हल कराए जाते है। इसके लिए हर छात्र से 50-50 हजार रुपये बतौर पेशगी ली गई है। इस नकल गिरोह ने दिसंबर 2024 में रेलवे सुरक्षा बल की ओर से आयोजित भर्ती परीक्षा में भी सीकर सेंटर में कई अभ्यर्थियों को नकल कराने की बात कबूली है। प्रारंभिक जांच में कई ऑनलाइन परीक्षाओं में नकल कराने की जानकारी सामने आई है। कम्प्यूटराइज्ड परीक्षा में विभिन्न कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के जरिए नकल करवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस और एटीएस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से आठ आरोपियों को जयपुर पुलिस ने और छह आरोपियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, नकल गिरोह के दो सरगना फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
रेल्वे सहित कई भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की आशंका, एसआईटी हुई गठित
प्रारंभिक जांच में इस गिरोह द्वारा रेलवे सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी नकल करवाने के सबूत मिले हैं। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने इस पूरे मामले की जांच के लिए जयपुर (पश्चिम) एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि रविवार को नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन में भर्ती के लिए कम्प्यूटराइज्ड परीक्षा का आयोजन हुआ था। वैशाली नगर थानाधिकारी रविंद्र सिंह नरूका को जानकारी मिली कि परमजीत और जोगेंद्र व उनके साथी नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की एग्री ट्रैनी भर्ती परीक्षा में नकल गिरोह के रूप में सक्रिय हैं। उन्होंने संदिग्धों को तकनीकी रूप से ट्रैस करना शुरू किया। इस गैंग में अन्य बदमाशों के सक्रिय होने की जानकारी मिलने पर चित्रकूट थानाधिकारी जहीर अब्बास ने नितेश जाखड़ और सुमित चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इनसे पूछताछ में अन्य लोगों के नाम सामने आए।
संदिग्धों से पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे, लंबे समय से जारी था फर्जीवाड़ा
संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि शास्त्री नगर में संदीप एसजेएम कंप्यूटर कॉलेज चलाता है। पुलिस ने एसजेएम कंप्यूटर कॉलेज से संदीप, बलबीर और कश्मीर को पकड़ा और उनके कब्जे से 168500 रुपए नकद, छह एडमिट कार्ड, सात हस्ताक्षरशुदा खाली चेक, तीन लैपटॉप, वाई-फाई राउटर, एक प्रिंटर-स्कैनर सहित अन्य उपकरण जब्त किए हैं। संदीप, बलवीर और कश्मीर से पूछताछ में इस पूरे गिरोह के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जयपुर (पश्चिम) डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की भर्ती में नकल के मामले में मनीष कुमार, खुशीराम, नवीन सारण, अंकित कुमार अभ्यर्थियों के कंप्यूटर को अवैध रूप से रिमोट एक्सेस पर लेकर नकल करवा रहे थे। इस मामले में संदीप कुमार, बलबीर, कश्मीर झाझडिय़ा, नितेश कुमार, सुमित सिंह, जोरावर सिंह मीणा, मनीष कुमार, खुशीराम, नवीन सारण, अंकित कुमार, प्रवीण यादव, मुकेश कुमार मीणा, टिंकू चौधरी उर्फ गुरुजी और रूपम पचार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
परीक्षा केंद्रों के संचालक भी थे साजिश में शामिल, करवाते थे पेपर सॉल्व
प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि संदीप, परमजीत, जोगेंद्र, हैरिटेज वायुना सी.सै. स्कूल, खातीपुरा का संचालक प्रवीण, वैदिक कन्या स्कूल में कंप्यूटर लैब संचालक नंदू ठेकेदार, आईटी इंफ्रा के कंप्यूटर लैब संचालक दिलखुश व गणपति ठेकेदार, द लॉरेन्स स्कूल मानसरोवर के कंप्यूटर लैब संचालक व कॉन्ट्रैक्टर प्रदीप, संदीप उर्फ सैंडी के साथ मिलकर संगठित रूप से परीक्षाओं में नकल करवाने और पेपर सॉल्व करवाने का काम करते हैं। सामने आया है कि नकल करवाने वाले गिरोह से जुड़े बदमाशों ने कई अभ्यर्थियों जोरावर सिंह, रूपम पचार, मनीष सैनी, दीपक ख्यालिया को सॉफ्टवेयर व डिजिटल उपकरणों के जरिए कंप्यूटर सेंटर संचालकों के साथ मिलकर पेपर हल करवाए। इस काम के लिए उन्होंने हर अभ्यर्थी से 50-50 हजार रुपए एडवांस लिए हैं।
रेलवे की परीक्षा में सीकर के सेंटर पर करवाई गई नकल, हजारों में हुइआ सौदा
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि दिसंबर 2024 में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा आयोजित तकनीकी परीक्षा में सीकर के एक सेंटर पर कई अभ्यर्थियों को इसी तरह पेपर हल करवाया गया था। उन्होंने बताया कि एटीएस के उपाधीक्षक नरेंद्र दायमा ने एग्री ट्रेनी भर्ती परीक्षा के मामले में परीक्षा केंद्र हैरिटेज वायुना स्कूल पर कार्रवाई की है। उन्होंने मौके से चार संदिग्ध सीपीयू, दो यूनिट सीपीयू, एक डीवीआर, एक एनवीआर और दो यूनिट लैपटॉप जब्त किए हैं। संदीप ने पुलिस को बताया कि उसने 2022 में शास्त्री नगर में एसजेएम कॉलेज खोला। जहां ऑनलाइन एग्जाम सेंटर लिया। वह नंदू और परमजीत से 2024 में संपर्क में आया। बैंक प्रमोशन की परीक्षा में दो अभ्यर्थियों को पास करवाने के लिए उन्होंने संपर्क किया था।
विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल, कहा-सरकार लगाम लगाने में विफल
अब विपक्ष ने इस प्रकरण को लेकर सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए हैं। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि राष्ट्रीय बीज निगम की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के खुलासे से स्पष्ट है कि प्रदेश में नकल गिरोह के सामने मुख्यमंत्री भजनलाल जी के सारे दावे फेल साबित हुए हैं। प्रदेश की अक्षम भाजपा सरकार कल आयोजित की गई इस परीक्षा में बड़े स्तर पर हुई धांधली को रोकने और निगरानी करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट तंत्र ने दिन-रात पढ़ाई कर तैयारी कर रहे युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने का काम किया है, लेकिन सिर्फ माहौल बनाने और ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ का नारा देने वाले भाजपा नेता अब मौन धारण किए हुए हैं। केंद्र सरकार को इस भर्ती परीक्षा को तुरंत निरस्त करना चाहिए एवं पेपर लीक में संलिप्त आरोपियों पर कठोर कार्रवाई के साथ नकल माफियाओं को भी पकडऩा चाहिए।