‘इंश्योरिंग साइबर सेफ्टी इन एजुकेशन: चैलेंजेस, स्ट्रेटजी एंड सोल्यूशन’ सत्र में वक्ताओं ने विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को समझाए फायदे और नुकसान, डेटा सेफ्टी को बताया जरूरी
जयपुर। जयपुर एजुकेशन समिट के छठे संस्करण का आयोजन किया गया गया जिसमें प्रथम दिवस से ही कई पैनल डिस्कशन हुए। इसी कड़ी में 24 जनवरी को ‘इंश्योरिंग साइबर सेफ्टी इन एजुकेशन: चैलेंजेस, स्ट्रेटजी एंड सोल्यूशन’ में स्पीकर के रूप में स्कूलों में विद्यार्थियों द्वारा कंप्यूटर के उपयोग के समय स्कूलों द्वारा क्या-क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए?, किस तरह स्कूलों को अनचाही साइट्स को ब्लॉक कर बच्चों के प्रति जिम्मेदारी निभाई जाए पर अपने विचार रखे। साथ ही स्कूल स्टाफ एवं माता-पिता को भी क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए? इस पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने बताया कि स्ट्रांग पासवर्ड एवं समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहने चाहिए एवं उनको सेव करके भी रखना चाहिए विषय पर भी अपने विचार व्यक्त किए। जो बच्चे परिवार से कई बातें छुपाने के चक्कर में बार बार ऐप्स को अनइंस्टॉल कर रिइंस्टॉल करते हैं उन्हें ऐसे न करने की भी अपील की क्योंकि भविष्य में विपरीत परिस्थिति में कोई भी सबूत नहीं बचता क्योंकि पुराना डाटा निकल जाता है।
बिन्दु चौधरी के कार्य को साइबर पीस फाउंडेशन ने राजस्थान एवं राज्य से बाहर कार्य करने को एक नई पहचान दी। बता दें बिन्दु चौधरी यूनिवर्सिटी, कॉलेजों एवं स्कूलों के साथ ही विभिन्न विभागों में समय-समय पर साइबर सुरक्षा ट्रैनिंग सैशन आयोजित करते रहते हैं। स्पीकर के रूप में रेणुका जोशी प्रिंसिपल वर्धमान श्री कल्याण इंटरनेशनल जयपुर एवं मॉडरेटर के रूप में सुनील नेहरा ने अपनी भूमिका निभाई और समाज में जो साइबर धोखाधड़ी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं उनसे बचाव के तरीके बताए। कार्यक्रम आयोजक सुनील नारनौलिया एवं प्राप्ति द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।