एसआई भर्ती अभ्यर्थियों के लिए ‘आज कयामत का दिन’...कोर्ट में देना होगा दो टूक जवाब; सस्पेंस खत्म करेगी सरकार!
हाईकोर्ट में एसआई भर्ती मामले में आज होगी अहम सुनवाई, राज्य सरकार को अपना स्पष्ट जवाब पेश करना होगा
हालांकि ठीक पहले किरोड़ी मीणा बोले- क्रिस्टल क्लियर है, सभी ने अपनी राय दी; ‘रद्द होनी ही चाहिए’
इस सबके बीच एसआई भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर मोती डूंगरी पहुंचे अभ्यर्थी, पुलिस ने दर्शन करने से रोका, बेरोजगारों के नेता लिए गए हिरासत में
जयपुर। एसआई भर्ती 2021 को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है। आज हाईकोर्ट में इस मामले की अहम सुनवाई होनी है, जिसमें राज्य सरकार को अपना स्पष्ट जवाब पेश करना है। इससे पहले कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सभी ने भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि क्रिस्टल क्लियर है, एसओजी ने कह दिया, पुलिस मुख्यालय ने कह दिया, एजी ने अपनी राय दे दी, कैबिनेट सब कमेटी ने कह दिया, इसका मतलब सरकार की राय है कि पेपर रद्द होना चाहिए।
बातचीत करते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार को जवाब देने में देरी जरूर हुई है, लेकिन इसकी वजह राइजिंग राजस्थान समिट, प्रधानमंत्री के दौरे और उपचुनाव जैसी व्यस्तताएं थीं। उन्होंने कहा कि मैं सरकार का छोटा सा अंग हूं। मुख्यमंत्री ही तय करेंगे कि कोर्ट में क्या जवाब पेश करना है। लेकिन मुझे लगता है कि बहुसंख्यक अभ्यर्थियों की मांग मान ली जाएगी। बताते चलें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार तय समय में जवाब नहीं देती, तो यह माना जाएगा कि वह एसओजी, पुलिस मुख्यालय, अटॉर्नी जनरल और कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर चुकी है।
दरअसल, एसआई भर्ती 2021 को लेकर पहले ही कई खुलासे हो चुके हैं। एसआईटी, एजी और कैबिनेट सब कमेटी ने भर्ती रद्द करने की सिफारिश की है। हाईकोर्ट ने भी 13 अगस्त की एसआईटी रिपोर्ट, 14 सितंबर की एजी राय और कैबिनेट सब कमेटी की बैठकों का पूरा विवरण तलब किया है। हाईकोर्ट का रुख इस मामले में बेहद सख्त है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि यदि कोर्ट के आदेशों की अवमानना हुई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
6 हफ्ते तक नहीं दिया जवाब, मंत्री बोले-व्यस्तता के चलते हुई होगी देरी
किरोड़ी लाल मीणा से जब पूछा गया कि हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, लेकिन 6 हफ्ते बीतने के बाद भी सरकार ने जवाब पेश नहीं किया। इस पर किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- सरकार की बहुत व्यस्तता थी। राइजिंग राजस्थान समिट थी। प्रधानमंत्री का 2 बार दौरा था। उससे पहले 7 सीटों पर चुनाव थे। शायद व्यस्तता के कारण जवाब पेश नहीं हो सका होगा। वहीं इस मामले को लेकर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- कल कोर्ट में जवाब के साथ सरकार का मंतव्य भी सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि जब मामला न्यायालय में हैं तो इस पर टीका-टिप्पणी करना ठीक नहीं है।
हाईकोर्ट कर चुका है स्पष्ट, जवाब पेश नहीं हुआ तो मानेंगे राय से सहमत; रद्द कर दी जाएगी परीक्षा
एसआई भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि राज्य सरकार दो दिन में अपना स्पष्ट जवाब पेश करें। स्पष्ट जवाब नहीं आने पर माना जाएगा कि सरकार ने पुलिस मुख्यालय, एजी की राय और कैबिनेट सब कमेटी की राय को स्वीकार कर लिया है। इसी आधार पर कोर्ट मामले में निर्णय लेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने 13 अगस्त की एसआईटी की राय, 14 सितंबर की एजी की राय और कैबिनेट सब कमेटी की दो बैठकों का पूरा विवरण भी रिकॉर्ड सहित तलब किया था। कोर्ट ने कहा था- इस मामले में कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। ऐसे में अगर कोर्ट के सामने यह आया कि किसी भी तरह से कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी। वहीं, अगर इस आदेश से राज्य को किसी भी तरह का वित्तीय नुकसान हुआ। उसकी वसूली भी संबंधित अधिकारी से की जाएगी।
इधर, परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर मोती डूंगरी पहुंचे अभ्यर्थी, पुलिस ने दर्शन करने से रोका
गुरुवार को एसआई भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर दंडवत लगाने मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचे युवा बेरोजगार नेता मनोज मीणा को मंदिर जाने से रोकते हुए पुलिस प्रशासन ने हिरासत में ले लिया। पुलिस प्रशासन ने ये कहते हुए मनोज मीणा को रोक दिया कि वो अकेले मंदिर जा सकते हैं। प्रदर्शन के लिए मंदिर जाने की अनुमति नहीं है। हालांकि, मनोज मीणा अभ्यर्थियों के साथ मंदिर के अंदर जाने की जिद पर अड़े रहे। इस पर पुलिस ने मनोज को हिरासत में लेते हुए बाकी अभ्यर्थियों को भगा दिया। दरअसल, सुनवाई से पहले भगवान श्री गणेश से अर्जी लगाने के लिए बुधवार को युवा शक्ति एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मीणा की अगुवाई में अभ्यर्थी मोती डूंगरी गणेश मंदिर के लिए निकले, लेकिन यहां उन्हें मंदिर जाने से पहले ही रोक दिया गया। पुलिस प्रशासन ने मनोज मीणा को हिरासत में लेते हुए बाकी अभ्यर्थियों को यहां से भगा दिया।
करौली में हाईकोर्ट का आदेश भूल गए एसपी साहब, 13 एसआई को भेज दिया क्राइम ब्रांच
कोर्ट के आदेशों का अवेहलना करते हुए करौली जिले के एसपी ने 2021 बैच के 13 एसआई को जिले में क्राइम ब्रांच सहित कई पुलिस स्टेशनों और स्पेशल यूनिट में अटैच कर दिया। इनमें से कुछ यूनिट्स गंभीर आपराधिक जांचें भी संभालती हैं। एसपी का यह आदेश हाईकोर्ट द्वारा मामले में यथास्थिति बनाए रखने के अपने निर्देश का पालन करने में फेल होने पर राज्य सरकार को संभावित अवमानना की चेतावनी देने के एक दिन बाद आया। हाईकोर्ट ने पुलिस मुख्यालय को नाराजगी जताते हुए रेंज आईजी को फिजिकल ट्रेनिंग के लिए एसआई को उनके आवंटित जिलों में तैनात करने का निर्देश दिया था। इस मामले पर एसपी करौली ब्रिजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि पीएचक्यू के आदेश के बाद एसआई तैनात किए गए हैं। चूंकि तैनाती को रोकने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए गए थे, इसलिए एसआई को पुलिस स्टेशनों से जोड़ा गया था। डीजीपी यूआर साहू ने कहा कि करौली एसपी को तुरंत अपना आदेश वापस लेने और सभी प्रोबेशनरों को पुलिस लाइन में वापस भेजने का आदेश दिया गया है।