रजिस्ट्री में नए नियमों से वकील हुए नाराज..किया बहिष्कार; बड़े आंदोलन की चेतावनी!

रजिस्ट्री में नए नियमों को लेकर डीआईजी स्टाम्प की ओर से जारी आदेश से आक्रोश, जयपुर में नहीं हुई रजिस्ट्रियां, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के महानिरीक्षक के नाम उप महानिरीक्षक जयपुर को सौंपा ज्ञापन


जयपुर। डीआईजी स्टाम्प वृत्त प्रथम के आदेश के बाद जयपुर में वकीलों में नाराजगी देखने को मिली। इसके चलते वकीलों ने मंगलवार को जयपुर में रजिस्ट्रियों का बहिष्कार किया। इससे न केवल सरकार को राजस्व की हानि हुई, बल्कि आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष गजराज सिंह के नेतृत्व में वकीलों ने नारेबाजी करके विरोध भी जताया। इस संबंध में वकीलों ने पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग विभाग के महानिरीक्षक के नाम उप महानिरीक्षक जयपुर को ज्ञापन भी दिया।
दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने बताया कि पंजीयन विभाग की ओर से लगातार नए-नए आदेश निकालकर रजिस्ट्रियों के कार्य को प्रभावित किया जा रहा है। रजिस्ट्री कार्य को सरल बनाने की जगह विभाग उसे असुविधाजनक बना रहा है। इससे आम जनता परेशान है। गजराज सिंह ने बताया कि पिछली 3 मई को पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, एनआईसी के अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के साथ ई-पंजीयन के पोर्टल में दस्तावेज फीड किए जाने के समय आने वाली समस्याओं के संबंध में बैठक की गई थी।


वकीलों ने नए नियम को बताया अव्यवहारिक, कहा-प्रक्रिया हुई लंबी
बैठक में दस्तावेज पंजीयन के लिए प्रस्तुत किए जाने पर संबंधित सम्पत्ति के देशांतर और अक्षांश में से एक फोटो को अपलोड किया जाना आवश्यक किया था। इसके बावजूद भी उप महानिरीक्षक, जयपुर वृत्त-प्रथम ने उप पंजीयकों को सोमवार को आदेश जारी करके दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने के समय देशांतर और अक्षांश, फोटो, संबंधित सम्पत्ति की चारों ओर से फोटो साथ संलग्न करना आवश्यक कर दिया है। विभाग ने बिना इसके दस्तावेज स्वीकार करने से इनकार करने के निर्देश भी दिए हैं, जो अव्यवहारिक है। राजावत ने बताया कि दस्तावेज ई-पंजीयन फीड किए जाने के समय ही संबंधित सम्पत्ति की फोटो अपलोड की जाती है, इसलिए अलग से फोटो संलग्न किए जाने की आवश्यकता ही नहीं रहती है। इससे केवल प्रक्रिया लंबी हो रही है एवं जनता को अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

10 लाख रुपए से कम की मालियत के दस्तावेजों का भी मौका निरीक्षण करना गलत
वकीलों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से पंजीयन नियमों व अधिसूचनाओं के आधार पर रेंडम में आने वाले दस्तावेजों का ही विभाग के द्वारा निरीक्षण किया जाता है। दस लाख रुपए की मालियत से कम के दस्तावेज रेंडम से बाहर हैं, लेकिन अधिकारियों के नियम विरुद्ध आदेशों से 10 लाख रुपए से कम की मालियत के दस्तावेजों का भी मौका निरीक्षण किया जा रहा है। रेंडम में आने वाले दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेजों को भी मनमर्जी से कर विभाग के अलावा अन्य विभागों से मौका निरीक्षण करवाया जा रहा है, जबकि दस्तावेजों को रेंडम में लिए जाने व उनका निरीक्षण किए जाने की प्रक्रिया नियमों में निर्धारित है।