जयपुर की जनता से नहीं थी ऐसी उम्मीद..
प्रशासन की लापरवाही उजागर; अब एक दूसरे पर फोड़ा जा रहा जिम्मेदारी का ठीकरा, निगरानी के अभाव में हो गई बड़ी चूक, सबसे ज्यादा चोरी पनसेटिया पौधों की; एक पौधे की कीमत ही 220 रुपए
जयपुर विकास प्राधिकरण और हेरिटेज नगर निगम ने शहर के प्रमुख चौराहों, सर्किलों और पर्यटन स्थलों पर साजावट के लिए लगाए थे पौधे, अब रखरखाव और सुरक्षा बनी सिरदर्द
जयपुर। पिंक नगरी के नाम से विख्यात जयपुर को राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट के लिए सजाने-संवारने में लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन, प्रशासन की लापरवाही के चलते यह मेहनत और पैसा बेकार होता नजर आ रहा है। जयपुर विकास प्राधिकरण और हेरिटेज नगर निगम ने शहर के प्रमुख चौराहों, सर्किलों और पर्यटन स्थलों पर लाखों रुपए की फूलों की सजावट की थी। अकेले जेडीए ने 64 लाख रुपए खर्च कर 36 हजार गमले लगाए थे, लेकिन निगरानी के अभाव में अब तक 19 हजार से ज्यादा गमले चोरी हो चुके हैं।
समिट के दौरान अमर जवान ज्योति, स्टेच्यू सर्किल, अंबेडकर सर्किल, गांधी सर्किल, जवाहर सर्किल, रामबाग चौराहा, सेंट्रल पार्क और जेएलएन मार्ग सहित प्रमुख जगहों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। हेरिटेज नगर निगम ने जल महल की पाल, छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर भी सैकड़ों गमले लगाए थे। इन गमलों में लगे पौधों से जयपुर के पर्यावरण और सुंदरता को निखारने की कोशिश की गई थी। जेडीए के वरिष्ठ उद्यानविज्ञ नरेंद्र शेखावत के अनुसार, लगभग 55 फीसदी गमले और पौधे चोरी हो गए हैं। इनमें से कई गमलों को ठेकेदार भी वापस उठा ले गए। सबसे ज्यादा चोरी पनसेटिया पौधों की हुई, जिनकी कीमत करीब 220 रुपए प्रति पौधा थी। चोरी के अलावा रखरखाव के अभाव में कई पौधे सूख गए हैं।
प्रशासन की लापरवाही उजागर, ठेकेदार की थी रखरखाव की जिम्मेदारी
जेडीए के अनुसार टेंडर की शर्तों में चार महीने तक पौधों के रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदारों की थी, लेकिन निगरानी नहीं होने के कारण गमलों की चोरी जारी रही। हेरिटेज नगर निगम की उपायुक्त मोनिका सोनी ने कहा कि अब नई शर्तों के तहत गमलों की सुरक्षा का जिम्मा भी ठेकेदारों को सौंपा जाएगा। अब कुछ जगहों पर सतर्कता शाखा के होमगार्ड गमलों की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। जयपुर के निवासियों ने भी प्रशासन से इस मामले में गंभीरता दिखाने की अपील की है।
पेरसेटिया के पौधे सबसे ज्यादा चोरी, एक पौधे की लागत ही 220 रुपए
हेरिटेज नगर निगम की उद्यान शाखा ने भी जल महल की पाल, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़ पर सैकड़ों गमले लगाए, ताकि जयपुर आने वाले निवेशकों, पर्यटकों और आमजन को रंग-बिरंगे फूलों का मनमोहक और प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले, लेकिन कुछ लोगों को जयपुर शहर का ये सौंदर्यीकरण रास नहीं आया और वे इन गमलों को चोरी कर ले गए। इनमें करीब 6400 पौधे पनसेटिया के थे। जिसके एक पौधे की लागत ही करीब 220 रुपए है। हेरिटेज नगर निगम के उद्यान शाखा उपायुक्त मोनिका सोनी ने बताया कि पौधों की सुरक्षा के लिए अब बड़ा कदम उठाया जाएगा। अब जिस फर्म को गमले लगाने का काम दिया जाएगा, उन्हें ही इनकी निगरानी की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
हेरिटेज क्षेत्र में लगे पौधों को सरकारी स्कूलों में किया जाएगा वितरित
समिट खत्म होने के बाद अब नगर निगम हेरिटेज द्वारा लगाए गए गमलों को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिसके बाद अब शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों और डिवाइडर से नगर निगम द्वारा लगाए लगाए गए गमलों को हटाकर सरकारी स्कूलों में वितरित किये जायेंगे। जयपुर नगर निगम हेरिटेज की गार्डन शाखा की डिप्टी कमिश्नर मोनिका सोनी ने बताया कि शुक्रवार तक नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र से ही सैकड़ों गमले चोरी हो गए है। ऐसे में अब हमने फैसला किया है कि हेरिटेज क्षेत्र में रखे गमलों को उठाकर उनका प्रॉपर स्टॉक रजिस्टर मेंटेन किया जाएगा। इसके बाद नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र के 300 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में गमलों को वितरित किया जाएगा।