जिन होनहारों ने दिन-रात किया एक..अब वो मांग रहे इंसाफ

एसआई भर्र्ती चयनितों की गुहार..बेगुनाहों को सजा मत दो सरकार!


शहीद स्मारक पर न्याय की उम्मीद लेकर धरने पर बैठे चयनितों के परिजनों का झलका दर्द, भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करने की मांग, कहा-जांच के बाद दोषियों को मिलनी चाहिए कड़ी से कड़ी सजा

जयपुर। एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, भर्ती को रद्द न करने के लिए लोग शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए। धरना स्थल पर एकत्रित हुए परिजन राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु एसआई के परिजन हैं। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि परीक्षा को रद्द न किया जाए। लेकिन जांच होती रहे जिससे दोषी बचने न पाए, लेकिन इसमें किसी निर्दोष को सजा न मिले। क्योंकि इससे उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। प्रदर्शन में शामिल होने आए परिजन सवाल पूछ रहे है कि इन सब में उनके बच्चों का क्या कसूर है? सरकार चाहे तो जिस तरह से चाहे इसकी जांच कर सकती है। परिजनों का कहना है कि सभी छात्र 7, 8 साल से तैयारी कर रहे थे, तब जाकर उनका चयन हुआ। अब अगर भर्ती रद्द हो गई तो उनका क्या होगा? लोग पहले से ही उन्हें शक की निगाह से देख रहे हैं, वे समाज में अपना मुंह कैसे दिखाएंगे? सरकार को सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। उन्हें अकादमी में जाकर उन प्रशिक्षु एसआई से बात करनी चाहिए थी। 
पूर्व में कई बेरोजगार धरना प्रदर्शन करते हुए यह मांग करते थे कि सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द किया जाए। जब से पेपर लीक का सामने आया है। तब से प्रदेश के हजारों बेरोजगार इस भर्ती को रद्द करने की मांग करते रहे हैं। कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी इस भर्ती को रद्द कराने पर अड़े हैं। अब ट्रेनी सब इंस्पेक्टर के परिजनों ने एकजुट होकर आंदोलन शुरू किया है। जो चयनित एसआई ट्रेनिंग कर रहे हैं, उनके परिजनों का कहना है कि कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा किया है तो सजा उन्हें मिलनी चाहिए। जो मेहनत करके ईमानदारी से चयनित हुए, पेपर रद्द करके उन्हें सजा देने की बातें क्यों की जा रही है।

65 फीसदी प्रशिक्षु एसआई पहले भी राजकीय सेवाओं में हो चुके है चयनित
धरने पर बैठे परिजन एक आंकड़ा भी दिखाते हैं। उनका कहना है कि पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे 65 फीसदी प्रशिक्षु एसआई पहले किसी न किसी सरकारी सेवा में चयनित हुए थे। इनमें से 14 ऐसे हैं जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में चयनित हुए हैं। 135 ऐसे प्रशिक्षु एसआई हैं जो दो से ज्यादा सरकारी सेवाओं में चयनित हुए हैं। 206 प्रशिक्षु एसआई ऐसे हैं जो 2016 की एसआई भर्ती में भी मेरिट लिस्ट में जगह बनाए थे। इससे पता चलता है कि सभी अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से भर्ती परीक्षा पास नहीं की है। ऐसे में सरकार को इन सभी का ख्याल रखना चाहिए और उनकी भी बात सुननी चाहिए। 

परीक्षा को लेकर छह मंत्रियों की समिति का फैसला अभी बाकी
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर छह मंत्रियों की एक समिति गठित की गई है, जो इस पर निर्णय लेगी कि परीक्षा रद्द की जाए या नहीं। इस बीच ट्रेनिंग कर रहे 809 अभ्यर्थी इस असमंजस की स्थिति से परेशान हैं। इनका कहना है कि कुल 859 अभ्यर्थी परीक्षा पास कर ट्रेनिंग कर रहे हैं, जिनमें से 50 को पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। यदि परीक्षा रद्द की गई तो बाकी 95 फीसदी निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।

50 गिरफ्तार हुए तो सजा 809 ट्रेनी एसआई को क्यों?
जयपुर के शहीद स्मारक पर ट्रेनी एसआई के परिजनों में माता-पिता, भाई बहन और परिवार के अन्य सदस्य धरने में शामिल हुए। ट्रेनी एसआई के परिजनों का कहना पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी या नकल के जरिए फर्जीवाड़ा जो अभ्यर्थी एसआई में चयनित हुए हैं। ऐसे 50 ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारी हो चुकी है। कुल 859 पदों पर भर्ती हुई थी लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले 50 ही है तो भर्ती परीक्षा रद्द करके शेष 809 को सजा देने की बातें क्यों की जा रही है। अगर एसआई भर्ती परीक्षा रद्द की गई तो 809 ट्रेनी एसआई के साथ अन्याय होगा जो मेहनत करके चयनित हुए थे।

जिन्होंने कड़ी मेहनत की, उनके साथ नहीं होना चाहिए अन्याय; इंसाफ करें सरकार 
ट्रेनी एसआई के परिजनों का कहना है कि पूर्व में एसओजी के एडीजी वीके सिंह खुद कहा करते थे कि जिन्होंने गलती नहीं की। उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। ईमानदारी से मेहनत करने वालों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अब एसओजी भी इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की सलाह दे रही है। ट्रेनी एसआई के परिजनों का कहना है कि करीब एक साल से वे आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे हैं। अब अगर भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया तो उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। धरना प्रदर्शन करने वालों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे उनके साथ अन्याय नहीं करें। जिन्होंने गलत किया, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले लेकिन भर्ती परीक्षा को रद्द ना किया जाए।