राजधानी में 15 सालों से सक्रिय था ‘रंगदारी गिरोह’..बस चालकों से हर महीने करते थे लाखों की वसूली!
निजी बस चालकों से अवैध वसूली के रैकेट का पर्दाफाश, रुपए देने से मना करने पर करवाते थे पथराव, गैंग के 4 सदस्य गिरफ्तार; वसूली की रकम भी बरामद
जयपुर। राजधानी में निजी बस चालकों से अवैध वसूली के करीब 15 साल से चल रहे खेल का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से करीब 45 हजार रुपए नकद और एक स्कॉर्पियो जब्त की है। जयपुर (पश्चिम) डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि डीएसटी प्रभारी को जयपुर में चौमूं पुलिया के पास बस चालकों से अवैध रूप से वसूली की जानकारी मिली थी। इस पर एक विशेष टीम बनाकर पुलिस ने गिरोह की गतिविधियों को स्पाई गैजेट्स में रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि इस गिरोह के बदमाश बस संचालकों से अवैध वसूली करते हैं और राशि नहीं देने पर बस पर अपने साथियों से पत्थर फिंकवाते हैं। इस गिरोह के बदमाश शिफ्ट में काम करते और हर महीने बस चालकों से 8-10 लाख रुपए की वसूली करते हैं। इस गिरोह का खुलासा करते हुए मकराना हाल निवारू रोड पर हनुमान नगर निवासी भगवान सिंह, थोई (नीमकाथाना) निवासी श्यामवीर सिंह, नींदड़ निवासी विक्रम सैन उर्फ विक्की उर्फ बोगी और जुराठढा (सीकर) निवासी हाल जोडला पावर हाउस निवासी दिलीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है. जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि अवैध वसूली की जानकारी मिलने पर एसआई सुरेंद्र सिंह, कांस्टेबल सागर और नीरू पांडे की टीम का गठन किया गया। इस टीम ने 28 और 29 मार्च को चौमूं पुलिया व आसपास के स्थानों पर गोपनीय रूप से रैकी की। इस टीम ने स्पाई गैजेट्स की मदद से गिरोह के बदमाशों द्वारा की जा रही वसूली को रिकॉर्ड किया। जांच में सामने आया है कि गिरोह के बदमाश चौमूं पुलिया पर सवारियां लेने के लिए रुकने वाली निजी बसों से हर बार 50-100 रुपए की वसूली करते हैं। राशि नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते हैं और रास्ते में जहां भी मौका मिलता है बस पर पथराव कर देते हैं।
इस गिरोह का खौफ इतना की कोई शिकायत तक नहीं करता था
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि इस गिरोह के बदमाश करीब 15 साल से लगातार वसूली कर रहे हैं। ये रुपए नहीं देने पर बस पर चौमूं पुलिया से सामोद के बीच कहीं भी पथराव करवा देते हैं। उन्होंने बताया कि बसों पर कई बार पथराव की घटनाएं होती हैं। लेकिन बदमाशों के डर के कारण कोई भी बस चालक या संचालक पुलिस तक शिकायत नहीं देता है। इस गिरोह के बदमाश शिफ्ट में काम करते हैं। इन्होंने अवैध वसूली कर वाहन खरीदे और संपत्ति भी खरीदी, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि मौके से पुलिस ने श्यामवीर सिंह और सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से वसूली की रकम और स्कॉर्पियो गाड़ी जब्त
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके साथ विक्रम सैन और दिलीप सिंह शिफ्ट में काम करते हैं। ये वसूली की रकम भगवान सिंह चांडी और बिजेंद्र सिंह उर्फ बिजू सिंह खानपुरा (नागौर) के लिए काम करते हैं। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने विक्रम सैन और दिलीप सिंह को गिरफ्तार किया। इनके पास से वसूली की रकम और एक स्कॉर्पियो जब्त की गई है। इस गिरोह से जुड़े अन्य बदमाशों की तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार इस गिरोह में बड़ी संख्या में बदमाश शामिल हो सकते है और जयपुर के अलावा भी यह रैकेट अन्य स्थानों पर भी सक्रिय हो सकता है।