आर्मी के शहीद जयपाल यादव को सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

11 महीने के बेटे ने दी मुखानगिनी, जयपाल की दिल्ली केंट में हुए सड़क हादसे हो गई थी मृत्यु,चूरू के निकट सिरसला गांव में लाया गया पार्थिव शरीर, अपने गांव के लाल के सम्मान में निकाली तिरंगा यात्रा

चूरू। भारतीय सेना आर्मी में हवलदार चूरू के सिरसला गांव के जयपाल यादव की दिल्ली केंट में हुए सड़क हादसे में मृत्यु हो गया। आर्मी के शहीद जयपाल यादव का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव सिरसला लाया गया। अपने गांव के लाडले की पार्थिव देह ज्योही आमी की एम्बुलैंस से दूधवाखारा पहुंची त्यौही गांव के लोग उनके सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली। दूधवाखारा से तिरंगा यात्रा के साथ पार्थिव देह सिरसला गांव में उनके घर पहुंची तो परिजन सिसक उठे। अपने लाल को देख माता पिता सुबह उठे, पत्नी कैलाश बेसुध हो गई और उनका बेटा बिलख उठा। तिरंगे में लिपटे चिर निद्रा में सोए जयपाल यादव को जनप्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित किए तथा सेना के जवानों में गार्ड ऑफ ऑनर देकर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। गांव सिरसला से उनके घर से शुरू हुई अंतिम यात्रा में शामिल युवाओं और ग्रामीण शहीद जयपाल और भारत माता का जयघोष करते हुए मुक्तिधाम की ओर बढ़े। मुक्ति धाम में सेना के जवानों की टुकड़ी ने अपने साथी को अंतिम सलामी देकर उन्हें विदा किया। सांसद राहुल कस्वां, विधायक हरलाल सहारण, प्रधान दीपचंद राहड़, एएसपी लोकेंद्र दादरवाल,उप जिला प्रमुख महेन्द्र न्यौल पूर्व सभापति विजय शर्मा, अमरसिंह बुडानिया, रणवीर कस्वां, पदमसिंह राठौड़, चेतराम सहारण, दूधवाखारा थानाअधिकारी रतनलाल सहित अनेक प्रतिनिधियों ने उन्हें पुष्प अर्पित किए।  2002 में सेना हुए भर्ती सिरसला में पिता रामेश्वरलाल व माता सुवा कौर के घर जन्में जयपाल यादव सेना में भर्ती हुए। आर्मी में हवलदार पद पर उनकी पोस्टिंग 2003 में हुई। उनकी ट्रेनिंग बैगलुरू में हुई। वे बीकानेर भी रहे और बाद में वे दिल्ली केंट में आ गए। 2004 में उनका विवाह कैलाश से हुआ। उनके एक भाई और तीन बहनें है सभी शादीसुदा है। उनके शादी के 12 साल बाद एक बेटा हुआ।