स्टार प्रचारक नहीं बल्कि सुपरस्टार साबित हुए राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम..

जम्मू-कश्मीर हुआ लॉक; ‘हरियाणा लगभग हाथ में’..कांग्रेस के ‘संकट मोचक साबित हुए सचिन पायलट’!

दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान पायलट की रणनीतिक सूझबूझ ने कर दिया राजनीतिक दिग्गजों को भी कायल, हर उलझी गुत्थी को मिनटों में सुलझाया

पूर्वानुमानों के अनुसार जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में कांग्रेस का पलड़ा भारी, धरातल पर लगातार काम कर पायलट ने पार्टी के पक्ष में बनाया माहौल 

जयपुर/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अंतिम चरण का मतदान हो चुका है और हरियाणा में मतदान से पूर्व प्रचार थमने में महज चंद घंटों का समय शेष है। राजनीतिक जानकारों की माने तो इन दोनों ही राज्यों में इस कांग्रेस का परचम फहराने जा रहा है। और, अगर इसका श्रेय राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दिया गया जाए तो गलत नहीं होगा। इन दोनों ही राज्यों में सचिन पायलट ना सिर्फ स्टार प्रचारक बल्कि सुपर स्टार साबित हो रहे है। पायलट के ताबड़तोड़ प्रचार ने इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की जीत निश्चित कर दी है, ऐसा पूर्वानुमानों में भी बताया जा रहा है। बात जम्मू और कश्मीर की करें तो यहां पायलट ने यहां प्रचार के दौरान सीधे तौर पर भाजपा को निशाना बनाया। हालांकि सोमवार को यहां अंतिम दौर का मतदान हो चुका है लेकिन इससे पहले पायलट ने लोगों का दिल जीत लिया। सचिन पायलट ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहली पंसद है कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस अलायंस। यहां के लोगों ने कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन को विजयी बनाने का मन बना लिया है। विगत् 10 सालों में भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की जनता की भलाई के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया जिसके नाम पर जनता से वोट मांगे। भाजपा का लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय को धन्यवाद देता हूं जिसके कारण आज जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा में जो लोग बड़े पदों पर बैठे है, वे लोकसभा चुनावों में 400 पार का नारा लगाते नहीं थकते थे। जनता ने उनके घमण्ड को तोड़ते हुए उन्हें बहुमत तक भी नहीं पहुंचने दिया। 

पालट ने किया हरियाणा में तीन चौथाई बहुमत से कांग्रेस सरकार बनने का दावा
सचिन पायलट ने हरियाणा में प्रचार के दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने जा रही है। जनता ने कांग्रेस को विजयी बनाने का मन बना लिया है। जो लोग 300 पार, 400 पार का नारा लगाते थे जनता ने उनकी नकारात्मक सोच और घमण्ड का जवाब देते हुए लोकसभा चुनावों में बहुमत भी पार करने नहीं दिया। देश की जनता ने भाजपा को आईना दिखाते हुए बता दिया कि आप घमण्ड और अहंकार से राज नहीं कर सकते, तानाशाही तरीके से राज नहीं कर सकते, आप लोगों की भावनाओं सेे खेलकर, मंदिर-मस्जिद की बात करके वोट नहीं ले सकते। सभाओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने देश और प्रदेश की भाजपा की सरकार के दस सालों के कुशासन को झेला है। किसानों को परेशान किया गया, उन पर लाठी-गोलियां चलायी गई, सैकड़ों किसानों ने शहादत दी। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म, जाति, मंदिर-मस्जिद की बाते करके वोट लेना जानती है। भाजपा का खाद, बिजली, पानी, सडक़, निवेश, विकास जैसे मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।

राजस्थान को भी उपचुनावों का इंतजार, यहां भी कमाल कर दिखाएंगे पायलट
माना जा रहा है कि राजस्थान में भी दिसम्बर में उपचुनाव हो सकते है। यहां पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। उसकी दो बड़ी वजह हैं, पहली तो यह है कि रामगढ़ विधानसभा को छोड़ दें तो बाकी तीन सीटों पर जो विधायक चुनाव जीत कर सांसद बने हैं, उन्हें पायलट गुट का माना जाता है। यह तीन नेता हैं दौसा से मुरारी लाल मीणा, देवली-उनियारा से हरीश मीणा और झुंझुनू से बृजेंद्र ओला। 

पूर्वी राजस्थान में पायलट के असर वाली सीटें, कांग्रेस को उनसे बड़ी उम्मीदें
दूसरी वजह यह है कि सचिन पायलट का सबसे ज्यादा असर पूर्वी राजस्थान में माना जाता है। चार सीटों में से 2 सीट दौसा और देवली-उनियारा पूर्वी राजस्थान का ही हिस्सा है। सचिन पायलट के इस असर की शुरुआत उनके पिता राजेश पायलट के जमाने से ही हो गई थी। राजेश पायलट दौसा से सांसदी का चुनाव जीतते रहे थे और उनके निधन के बाद सचिन पायलट की मां रमा पायलट भी यहां से सांसद रहीं हैं। पायलट भी कई बार अपने भाषणों में दौसा को ‘कांग्रेस का गढ़’ कह चुके हैं।