विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने दिए संकेत, कहा-राज्य सरकार धर्म परिवर्तन के खिलाफ लाएगी नए कड़े कानून वाला बिल, किया जा रहा एमपी और उत्तराखंड के कानूनों का अध्ययन
जयपुर। धर्म परिवर्तन के खिलाफ राजस्थान सरकार विधानसभा में बिल लाएगी। राजस्थान सरकार में विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने अगले विधानसभा सत्र में बिल लाने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि विधि विभाग धर्म परिवर्तन के खिलाफ बिल के ड्राफ्ट को फाइनल करने में जुटा हुआ है। मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के धर्म परिवर्तन से जुड़े कानूनों की स्टडी की जा रही है। इस बिल को अगले विधानसभा सत्र में पारित किया जा सकता है। धर्म परिवर्तन के विरोध में लाए जा रहे इस बिल में कई कड़े प्रावधान किए जा सकते हैं। जैसे धर्म बदलवाने और उसमें सहयोग करने वालों पर जेल और भारी जुर्माना होगा। इसमें शामिल संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन खारिज करने के साथ कड़ी कार्रवाई होगी। जबरन धर्म परिवर्तन पर पांच साल तक सजा और जुर्माने की सिफारिश है। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2006 और 2008 में भी राजस्थान विधानसभा में तत्कालीन वसुंधरा सरकार के समय धर्म स्वातंत्र्य बिल दो बार पास हुआ था। लेकिन तब केंद्र की यूपीए सरकार से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। उस धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2008 के कई प्रावधानों को भी शामिल किया जाएगा। साल 2008 के धर्म स्वातंत्र्य बिल में कलेक्टर की मंजूरी के बिना धर्म बदलने पर रोक थी। वसुंधरा राजे सरकार के समय 2006 और 2008 में धर्म स्वातंत्र्य बिल दो बार पास हुआ था। लेकिन तब केंद्र की यूपीए सरकार से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब उसी धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2008 के कई प्रावधानों को नए बिल में भी बरकरार रखा जाएगा।
आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है नया धर्म स्वातंत्र्य विधेयक बिल
माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा सत्र में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक नए सिरे से पेश किया जा सकता है। डरा धमकाकर, पैसे या किसी तरह का लालच-प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान पुराने बिल में भी था। इसे नए बिल में भी शामिल किया जा सकता है। राजस्थान में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन आदिवासी क्षेत्रों में देखने को आते हैं। इसलिए बच्चों, महिलाओं और एससी-एसटी के व्यक्ति के धर्म परिवर्तन पर 5 से 10 साल तक की सजा