बारगढ़ में जैविक खेती से सुधर रही है किसानों की जिन्दगी

ओडिशा। बारगढ़ में अदाणी समूह की सीमेंट निर्माण कंपनी एसीसी, लो एक्सटर्नल इनपुट सस्टेनेबल एग्रीकल्चर (एलईआईएसए) प्रोजेक्ट के जरिए कृषि क्षेत्र को मजूबत कर रही है। अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से  फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) और राजीव लोचन प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड (आरपीसीएल) के सहयोग से बारगढ़ प्लांट के आसपास के गांवों में बदलाव लाने में मदद कर रही है। लो एक्सटर्नल इनपुट सस्टेनेबल एग्रीकल्च प्रोजेक्ट का उद्देश्य है जैविक खेती में नए तरीकों के लिए प्रशिक्षण और सहायता देकर किसानों को सशक्त बनाना है। इस कोशिश के माध्यम से कई किसानों ने इनपुट लागत में कमी आई है औऱ जिसका परिणाम यह हुआ है कि पैदावार के साथ फसल की गुणवत्ता बढ़ी है और आय में वृद्धि हुई है।

बारगढ़ जिले के बारडोल ब्लॉक के खेड़ापाली गांव में 32 साल के अहलाद प्रधान ने आरपीसीएल की मदद से पारंपरिक धान की खेती से जैविक खेती का रुख किया और अपने 3 एकड़ के खेत में अलग अलग समय पर फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, स्वीट कॉर्न और मिर्च लगाना शुरु किया। इसका असर ये हुआ कि फसल की वृद्धि हुई, ज्यादा पैदावार और उपज की गुणवत्ता में काफी सुधार आया। अहलाद ने अपनी सब्जियां स्थानीय बाजार में बेचनी शुरु कर कर दी। अब उनकी सालाना आय 4 लाख 16 हजार रुपए हो गई है और उनका शुद्ध फायदा 2 लाख 92 हजार रुपये तक पहुंच गया। अगर इसे महीने की आमदनी से जोड़ा जाए तो अहलाद महीने में 24 हजार 300 रुपये कमा रहें है और अपने पांच लोगों के परिवार को सहारा दे रहे है।

एलईआईएसए प्रोजेक्ट के जरिए किसानों को रियायती दरों पर वर्मीकम्पोस्टिंग, जैव-उर्वरक और जैव-कीटनाशकों सहित जैविक इनपुट दिया जा रहा है। इसके अलावा आरपीसीएल के माध्यम से किसानों को अनाज के मार्केटिंग की सुविधा भी मिल रही है। ये प्रोजेक्ट कैमिकल फर्टिलाइजर और कीटनाशकों पर निर्भरता को भी कम कर रहा है साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे रहा है।

एसीसी और अदाणी फाउंडेशन बारगढ़ जिले में किसानों में सामाजिक और आर्थिक विकास के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की पहल कर रहा है जिससे उनके जीवन स्तर में बदलाव आ सके।