दो दिन प्रवास कर तृतीय पीठ के द्वारकाधीश प्रभु पधारे कांकरोली अपने धाम।

नाथद्वारा: नाथद्वारा नगर में स्थित तृतीय पीठ के द्वारकाधीश मंदिर में प्रभु द्वारकाधीश जी प्रभु दो दिन प्रवास कर पुनः अपने धाम कांकरोली पहुंचे,प्रभु द्वारकाधीश जी के नाथद्वारा प्रभु के नाथद्वारा प्रवास के दौरान पूरे नगर को दुल्हन की तरह भव्य विद्युत सज्जा से सजावट कतरे हुए नगर के प्रमुख बाजारों, सड़को, में बस स्टैंड से लेकर वंदना टॉकीज रोड, कुम्हार वाडा, रासला चौक, गांधी मार्ग,चौपाटी, नई सड़क। अहिल्या कुण्ड लाल बाजार सहित सभी प्रमुख बाजारों को दुल्हन की तरह भव्य स्वागत द्वारा, बैनर, आसपाला, फूल माला से सजाया गया, प्रभु द्वारकाधीश जी के दो दिन प्रवास के दौरान, मंगला श्रृंगार, राजभोग, भोग आरती के दर्शन वल्लभ कुल की तृतीय पीठ के पीठाधीश्वर गोस्वामी डॉ वागीश जी महाराज श्री द्वारा आरती उतारी गई साथ ही ठाकुर जी को विशेष रूप से राग भोग श्रृंगार सेवा अंगीकार करवाई गई, इस अवसर पर प्रभु द्वारकाधीश जी के दर्शनार्थ वैष्णव जन पर्यटकों यात्रियों सहित स्थानीय नगर वासियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा, जिसके चलते दर्शन व्यवस्था के लिए खेवा पद्धति से दर्शन कराए गए। साथ ही आज राजभोग पश्चात श्री द्वारकाधीश प्रभु कांकरोली पधार गए। नगर में स्थित तृतीय पीठ के द्वारकाधीश मंदिर में प्रभु द्वारकाधीश जी प्रभु दो दिन प्रवास कर पुनः अपने धाम कांकरोली पहुंचे,प्रभु द्वारकाधीश जी के नाथद्वारा प्रभु के नाथद्वारा प्रवास के दौरान पूरे नगर को दुल्हन की तरह भव्य विद्युत सज्जा से सजावट कतरे हुए नगर के प्रमुख बाजारों, सड़को, में बस स्टैंड से लेकर वंदना टॉकीज रोड, कुम्हार वाडा, रासला चौक, गांधी मार्ग,चौपाटी, नई सड़क। अहिल्या कुण्ड लाल बाजार सहित सभी प्रमुख बाजारों को दुल्हन की तरह भव्य स्वागत द्वारा, बैनर, आसपाला, फूल माला से सजाया गया, प्रभु द्वारकाधीश जी के दो दिन प्रवास के दौरान, मंगला श्रृंगार, राजभोग, भोग आरती के दर्शन वल्लभ कुल की तृतीय पीठ के पीठाधीश्वर गोस्वामी डॉ वागीश जी महाराज श्री द्वारा आरती उतारी गई साथ ही ठाकुर जी को विशेष रूप से राग भोग श्रृंगार सेवा अंगीकार करवाई गई, इस अवसर पर प्रभु द्वारकाधीश जी के दर्शनार्थ वैष्णव जन पर्यटकों यात्रियों सहित स्थानीय नगर वासियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा, जिसके चलते दर्शन व्यवस्था के लिए खेवा पद्धति से दर्शन कराए गए। साथ ही आज राजभोग पश्चात श्री द्वारकाधीश प्रभु कांकरोली पधार गए।