आखिरकार धरा गया ‘धोखेबाज भूमाफिया’..फर्जी दस्तावेजों से की थी करोड़ों की ठगी!

आनन्द भवन गृह निर्माण सहकारी समिति के प्लॉट बेचान के नाम पर की थी ठगी, भूमाफिया गणेश पीपलोदा को पुलिस दबोचा, मुख्य आरोपी राधेश्याम शर्मा पहले ही खा रहा जेल की हवा


जयपुर। फर्जी तरीके से प्लॉट का बेचान करने के आरोपी भूमाफिया गणेश पीपलोदा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बनीपार्क थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गणेश पीपलोदा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इस मामले में एक आरोपी राधेश्याम को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है। इस संबंध में लक्ष्मीनारायण शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लक्ष्मीनारायण शर्मा द्वारा दर्ज करवाए गए परिवाद के अनुसार आरोपी राधेश्याम शर्मा और एक अन्य बिचौलिये गणेश नारायण जाट (पीपलोदा) ने उनसे भूखंड बेचने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर ली। पीडि़त के परिवाद के अनुसार इन भूमाफियाओं ने प्रोपर्टी के नाम से रुपए ऐठने का गोरखधंधा चला रखा है। परिवाद में बताया गया है कि पीडि़त को बकायदा एक ट्रैप में फंसाया गया और गणेश नारायण जाट ने पीडि़त को राधेश्याम शर्मा से मिलवाया और अपने झांसे में फंसा लिया। पीडि़त को विश्वास में लेकर आनन्द भवन गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा काटी गई प्लॉट संख्या 90, 91, 92 के सोसायटी लिमिटेड के अपने नाम के असल कागजात दिखाये व कहां कि यह तीनों प्लॉट 700 वर्गगज के है। पीडि़त ने विश्वास पर इन भूखंड़ का सौदा कर लिया। 
उक्त भूखण्डों का सौदा अभियुक्त गणेश नारायण जाट की मध्यस्थता में 3,50,000,00 रूपये में तय हुआ। सौदा हो जाने के बाद नवम्बर, दिसम्बर 2020 से जनवरी 2021 तक अलग अलग किस्तों में परिवादी ने अभियुक्त राधेश्याम शर्मा को समय समय पर 1,40,000,00 रुपये नकद दे दिये और परिवादी के पक्ष में इकरारनामा विक्रय निष्पादित कर दिया। लेकिन जब परिवादी के द्वारा आरोपी राधेश्याम शर्मा से भूखण्डों के मूल कागजात मांगे तो अभियुक्त राधेश्याम शर्मा ने कहा कि मूल कागजात आपको दिखा दिये है सम्पूर्ण भुगतान हो जाने के बाद ही मूल कागजात दे दिए जाएंगे। 

मुख्य आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस, किया था बड़ा फर्जीवाड़ा
इकारारनामा निष्पादित करने के पश्चात जब भूखण्डों की पीडि़त के पक्ष में रजिस्ट्री करवाकर सम्पूर्ण कागजात सुपुर्द करने बाबत कहां तो आरोपी राधेश्याम शर्मा बिमारी का बहाना बनाकर और कागजात घर पर नहीं मिलने का बहाना बनाकर टालने लगा। आरोपी द्वारा प्लाटों की रजिस्ट्री नहीं करवाने व परिवादी के खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करवाने से पीडि़त को शक होने पर जब पड़ोसियों से मालूमात की तो उन्होंने बताया कि भूखण्ड किसी जयदीप सिंह, रानी केसर कंवर और शिरिन सिंह के नाम से है। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। 

मामले का खुलासा होने पर आरोपी देने लगे धमकियां, बोले-हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते
पीडि़त ने सोसायटी आनन्द भवन गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड जयपुर में जाकर भूखण्डों के बारे में जानकारी ली तो पाया कि उक्त भूखण्ड अभियुक्त राधेश्याम शर्मा के नाम से नहीं होकर भूखण्ड संख्या 90 जयदीप सिंह, भूखण्ड संख्या 91 रानी केसर कंवर व भुखण्ड संख्या 92 शिरिन सिंह के नाम से है। आरोपी राधेश्याम शर्मा व गणेश कुमार जाट द्वारा मिलीभगत कर कुटरचित दस्तावेज से भूखण्ड बेचान के सम्बन्ध में कहने पर राधेश्याम शमा व गणेश कुमार जाट ने कहा कि हम तो ऐसे ही करते है अब आप हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हो।