शरद महापूर्णिमा कल

जयपुर@ शरद महापूर्णिमा 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस साल अधिक मास के बाद शरद की पूर्णिमा आ रही है इसलिए चंद्रमा अधिक बड़ा दिखाई देगा। यह आरोग्यता का सूचक है। वैद्य चंद्रप्रकाश दीक्षित का कहना है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसलिए आरोग्यता और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अगर लोगों ने कोरोना गाइड लाइन की पालना की तो कोरोना संक्रमण में अब तेजी से कमी आएगी। ज्योतिषाचार्य रामभरोसी भारद्वाज का कहना है कि 7 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इससे पहले 18 अक्टूबर, 2013 में शुक्रवार को ये पर्व मनाया गया था। अब 13 साल बाद यानी 7 अक्टूबर 2033 को ये संयोग बनेगा। अश्विन की पूर्णिमा तिथि 30 अक्टूबर को शाम 5:26 बजे से शुरू होगी, जो 31 अक्टूबर को रात 8:19 बजे तक रहेगी ।ऐसे में शरद पूर्णिमा का महोत्सव 30 को और व्रत 31 को रहेगा। इस बार अधिकमास होने से पूर्णिमा का चांद सामान्य से ज्यादा बड़ा होगा। इसे महापूर्णिमा भी कहा जाएगा। शुक्रवार की रात को शरद पूर्णिमा पर्व मनेगा, जबकि अगले दिन शनिवार को पूर्णिमा व्रत, पूजा, तीर्थ स्नान और दान किया जा सकता है। ज्योतिषी मनु मुदगल ने बताया कि इस साल शरद पूर्णिमा के चंद्रमा का उदय 5 शुभ योगों में होगा। जिनके प्रभाव से अच्छी सेहत और धन लाभ होगा। सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। जिसमें सभी काम सिद्ध और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

अस्थमा रोगियों को नि:शुल्क औषधि वितरण आज और कल

गिर्राज आरोग्य सेवा समिति की ओर से इस साल अस्थमा रोगियों के लिए औषधियुक्त खीर का वितरण नहीं किया जाएगा। बल्कि दवा का वितरण होगा, जिसे घर पर ही खीर में डाल कर सेवन कर सकेंगे। अध्यक्ष नेमीचंद शर्मा ने बताया कि यह निर्णय कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर किया गया है।क्योंकि अस्थमा रोगी पहले से ही संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील होते हैं। ऐसे में दमा, श्वांस और एलर्जिक रोगियों को वितरित की जाने वाली अमृत खीर की जगह औषधि के पैकेट निशुल्क वितरित किए जाएंगे। कार्यक्रम समन्वयक वैद्य चन्द्र प्रकाश दीक्षित ने बताया कि औषधीय पैकेट 29 और 30 अक्टूबर को खादी भंडार के पीछे नेहरू नगर एवं किला स्थित राजकीय आयुर्वेदिक रसायनशाला से लिए जा सकते हैं।

महत्व...चंद्र कलाएं बढ़ाती है औषधि की गुणवत्ता

शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से अमृत बरसाता है। इस रात में औषधियां चंद्रमा की रोशनी के जरिये तेजी से खुद में अमृत सोखतीं हैं। शरद पूर्णिमा को चांद की रोशनी में रखी खीर में चंद्रमा की शीतलता से पित्त की उष्णता शांत होती है। दूध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। इसलिए चंद्रमा की रोशनी में कोई दवा या कोई भी सफेद चीज रखने से उसकी गुणवत्ता बढ़ सकती है।