रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा, चार दिन में 2 लाख का घाटा

करौली@ एमबीसी आरक्षण मसले को लेकर पीलूपुरा के पास रेलवे ट्रैक जाम कर आंदोलन कर रहे गुर्जर समाज के लोगों के कारण चार दिनों से दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन नहीं हो रहा है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना के कारण पहले से ही कम संख्या में ट्रेनों का संचालन हो रहा था। अब गुर्जर आंदोलन के कारण ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद हो गया है। टिकट बिक्री से वर्तमान में रेलवे को प्रतिदिन करीब 50 हजार की आय होती थी, लेकिन अब चार दिनों में दो लाख की आय के नुकसान का सामना करना पड़ा है। एमबीसी आरक्षण सहित 6 सूत्री मांगों को लेकर किरोड़ी सिंह बैसला व उनके पुत्र विजय बैंसला के नेतृत्व में एक नंवबर से गुर्जरों की ओर से रेलवे ट्रैक को जाम कर आंदोलन किया जा रहा है। अभी तक कोई स्टेशन पर नुकसान नहीं रेलवे सूत्रों ने बताया कि जब भी किसी भी तरह का आंदोलन होता है तो उसका प्रभाव रेलवे स्टेशन पर पड़ता है। गुर्जरों के अलावा मार्च 2018 में भी भारत बंद के दौरान रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने तोड़फोड़ करते हुए बुकिंग घर को आग लगा दी। जिससे करोड़ों के नुकसान का सामना करना पड़ा था। यही नहीं रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी रोडवेज की करीब सात बसों को भी आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद अब फिर जब गत 1 नवम्बर से गुर्जर समाज की ओर से आन्दोलन किया गया है तो शहर के व्यस्ततम रेलवे स्टेशन सन्नाटे के साये में है। हालाकि अभी तक कोई तोड़फोड़ या अन्य नुकसान स्टेशन पर नहीं है। चार दिन से स्टेशन पर रेलवे व पुलिस के जवानों के अलावा कोई नजर नही आता हैं।